आज के समय में किसान अपने खेत में ऐसी फसलों को अपना रहे हैं, जो कम लागत और कम समय में अधिक लाभ देने में सक्षम हो. इन्हीं फसलों में से एक मूली की फसल है. मूली एक बहुमुखी और उच्च उपज वाली फसल है. भारत में मूली की खेती/Radish cultivation मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और असम समेत अन्य कई राज्यों में उगाई जाती है. अगर आप मूली की खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त करना चाहते हैं, तो मूली की उन्नत किस्मों का चयन करें. इसी क्रम में आज हम किसानो के लिए मूली की एक्स-35 हाइब्रिड किस्म की जानकारी लेकर आए है. आइए मूली की खेती के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं...
मूली की एक्स-35 हाइब्रिड किस्म/X-35 Hybrid Variety of Radish
मूली की खेती में नवीनतम प्रगति में सोमानी सीडज़ द्वारा विकसित मूली की हाइब्रिड किस्म X-35/ Radish hybrid variety X-35 किसानों के लिए काफी उपयोगी है. मूली की यह किस्म छोटे किसानों के लिए एक गेम-चेंजर है, जो प्रभावशाली लाभप्रदता और दक्षता प्रदान करती है. इसकी लोकप्रियता इसके बेहतर प्रदर्शन के कारण तेजी से बढ़ रही है और सोमानी सीडज़ इन बीजों को उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में वितरित करता है.
मूली की खेती/ Radish cultivation
भारत के कई क्षेत्रों में मूली की खेती/Mooli ki kheti पूरे साल की जा सकती है, लेकिन इसे सबसे ज़्यादा सितंबर से जनवरी के बीच रबी के मौसम में उगाया जाता है. गर्मियों के मौसम के लिए, मार्च-अप्रैल में और खरीफ के मौसम के लिए जून से अगस्त तक रोपण किया जाता है. अधिकतम पैदावार के लिए, किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मूली को अच्छी तरह से सूखा हुआ, गहरी दोमट मिट्टी में उगाए जो जैविक वर्मीकम्पोस्ट से समृद्ध हो.
मूली एक्स-35 हाइब्रिड किस्म की विशेषताएं
आकार: X-35 मूली आमतौर पर 18-22 सेंटीमीटर की लंबाई तक बढ़ती है.
वजन: प्रत्येक मूली का वजन लगभग 300-400 ग्राम होता है.
कटाई का समय: यह किस्म लगभग 22-25 दिनों में पक जाती है, जिससे शीघ्र फसल प्राप्त होती है.
लाभप्रदता: किसान इस किस्म से प्रति एकड़ 300,000 रुपये तक का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
रोपण समय: बीज 20 फरवरी से 15 नवंबर तक बोये जा सकते हैं.
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नोट: मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड 2024 में लगभग 300 श्रेणियां शामिल हैं, जिसमें सोमानी सीडज़ द्वारा प्रायोजित मिलियनेयर हॉर्टिकल्चर फार्मर ऑफ इंडिया - मूली श्रेणी भी शामिल है. यदि आप मूली के किसान हैं और आपकी सालाना आय 10 लाख रुपये से अधिक है, तो आप पंजीकरण लिंक पर जाकर इस पुरस्कार के लिए सरलता से आवेदन कर सकते हैं.