Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 13 December, 2021 2:12 PM IST
Winter Crops

जैसे-जैसे सर्दियां आनी शुरू होती है, वैसे-वैसे फसलों की भी रंगत बदलने लगती है. सर्दियों में गर्मियों से हटकर फसलों की खेत करने से किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है. लेकिन कई लोगों को यह पता नहीं होता की ठंड के मौसम में कौनसी फसलें (Winter crops) उगाई जा सकती है, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा मिल सकेगा. इसलिए, आज हम आपको बताएंगे दिसंबर-जनवरी के माह में उगने वाली फसलों की सूची .

अब जिन फसलों के बारे में हम बात करने जा रहे हैं, उन्हें विशेष सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है, बल्कि वे आसानी से लगाए जाते हैं और कठोर सर्दियों के दिनों में भी आसानी से उनकी देखभाल की जा सकती है.

दिसंबर-जनवरी में उगने वाली फसलें (Crops grown in December-January)

बैंगन (Brinjal): दिसंबर-जनवरी का महीना सभी प्रकार की बैंगन की खेती के लिए सबसे अच्छा है. इसकी फसल को कम से कम 6 घंटे धूप, समृद्ध दोमट मिट्टी और अच्छी जल निकासी की आवश्यकता होती है. वे जल्दी बढ़ते हैं और कुछ ही हफ्तों में हम उन्हें काट सकते हैं. यह आमतौर पर खाना पकाने में सब्जी के रूप में प्रयोग किया जाता है.

शलजम (Turnip): ठण्ड के मौसम में होने वाली अधिकतर फसलें ख़निज से भरपूर होती हैं. शलजम की बात करें तो इसे एंटी-ऑक्सीडेंट, मिनरल और फाइबर का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है.

इसके अनेको फायदे हैं, इसके सेवन से ह्रदय रोग, कैंसर, उच्च रक्तचाप और सूजन में इसका इस्तेमाल किया जाता है. शलजम में मौजूद विटामिन C शरीर के लिए बहुत आवश्यक है. ये आपके शरीर की इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने में आपकी मदद करता है.

भिंडी (Lady Finger): यह एक और सर्दियों की सब्जी है जो सब्जी के बगीचे के लिए सबसे उपयुक्त है. यह हर प्रकार के खेत में यानी गर्म और नम दोनों स्थितियों में अच्छी तरह से बढ़ता है. हालांकि आदर्श रूप से, जनवरी-मार्च में इसको विस्तार करने का सबसे अच्छा समय है. साथ ही यह सुनिश्चित करें कि भिंडी उगाने के लिए खाद मिट्टी भी अत्यधिक समृद्ध हो.

पालक (Spinach): इस मौसम में पालक की खेती करने भी काफी अच्छा माना जाता है. बता दें कि इससे पोषण, कैल्शियम, विटामिन और खनिजों की भी आपूर्ति की जाती है. जनवरी का ठंडा मौसम बुवाई के 6-8 सप्ताह के भीतर पालक उद्यान शुरू करने का सबसे अच्छा समय है.

गाजर (Carrot): इस मौसम में आप गाजर की खेती भी कर सकते हैं. खास बात तो यह है कि गाजर को हमेशा मानव स्वास्थ्य के लिए आदर्श भोजन कहा गया है. गाजर में विशेष रूप से बीटा-कैरोटीन, विटामिन K1, कार्बोहाइड्रेट और एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं. इसकी किस्म के आधार पर बीज की बुवाई के 80-100 दिनों में खाने योग्य जड़ों को काटा जा सकता है.

लौकी (Bottle Gourd): इस फसल की भी कई किस्में होती है, और सभी इस मौसम के लिए अनुकूल है. इसे कैलाश फल के रूप में भी जाना जाता है. लौकी दुनिया भर में मुख्य रूप से भोजन के लिए ही नहीं बल्कि अच्छी खपत वाली सब्जी भी मानी जाती है. जनवरी में भी लौकी लगाना बहुत अच्छा होता है. ये ऐसे पौधे हैं जिनका उत्पादन करना आसान है.

वैसे पौधों के बारे में जानने के बाद कोई सोच सकता है कि अपना खुद का सब्जी उद्यान बनाना बहुत मुश्किल काम है. हालांकि, यह उतना जटिल या कठिन नहीं है जितना लगता है. यह सभी वह सब्जियां है जिसे आप अपने खेत से लेकर छत पर भी ऊगा सकते हैं.

English Summary: Cultivate these crops in December and January, there will be a lot of profit
Published on: 13 December 2021, 02:16 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now