देश में बहुत से किसान पारंपरिक खेती में ज्यादा कमाई नहीं होने की वजह से परेशान रहते हैं जिसकी वजह से अब किसान पारंपरिक खेती का विकल्प भी ढूंढ रहे हैं, किसान चाहते हैं कि कम से कम इन्वेस्टमेंट में ज्यादा से ज्यादा कमाई देने वाली फसल की जानकारी मिले. ऐसे में आपको मुनाफे वाली फसलों की जानकारी दे रहे हैं. सभी जानते हैं कि अप्रैल का महीना गेहूं की कटाई का होता है. गेहूं की कटाई के बाद खेत खाली होने वाले हैं ऐसे में आपको ऐसी फसलों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. जिन्हें गेहूं की कटाई के बाद लगा सकते हैं और बहुत कम समय में मुनाफा कमा सकते हैं यानि किसान गेहूं की खेती और धान की खेती के बीच में इन फसलों से अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं सबसे अच्छी बात ये कि इन फसलों के ऊपर ना तो गर्मी का कोई ज्यादा प्रभाव पड़ता है और मंडी में रेट भी बहुत अच्छा मिल सकता है. जिससे किसानों के लिए ये फसलें लाभदायक साबित होंगी.
धनिया- सबसे पहली फसल के बारे में बात करें तो अप्रैल में खेत खाली होने के बाद किसान धनिया की खेती कर सकते हैं, ये फसल सिर्फ 25-30 दिन में तैयार हो जाती है और उस समय मंडी में धनिये का पूरे साल का सबसे ज्यादा भाव मिलता है गर्मी में कई बार धनिये का भाव 100 रुपये प्रति किलो तक भी पहुंच जाता है जिससे खेती मुनाफे का सौदा साबित होती है.
कचरी की फसल- गर्मियों में मोटी कचरी की फसल भी सबसे बढ़िया कमाई दे सकती है क्योंकि जिस समय तक कचरी की फसल तैयार होगी तब तक इसके मंडी में बहुत अच्छे भाव मिलेंगे, अच्छी बात ये कि इसमें लागत भी बिलकुल ना के बराबर होती है.
मूंग की खेती-किसान गेहूं की कटाई के बाद तीसरे सीजन में मूंग की बुवाई भी कर सकते हैं, जो लगभग 60-65 दिनों में ही तैयार हो जाती है. साथ ही किसान इसकी बुवाई कर अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं. बता दें बाजारों में भी मूंग की काफी मांग रहती है वहीं, प्रति बीघा डेढ़ से 2 क्विंटल के हिसाब से उत्पादन मिलने की उम्मीद रहती है.
बैंगन की खेती- बता दें बैंगन की 3 बार खेती होती है, एक जनवरी-फरवरी में, दूसरी जुलाई-अगस्त में और तीसरी जो बरसात के मौसम की फसल है अप्रैल के महीने में किसान बैंगन की भी खेती कर सकते हैं. बैंगन भी बहुत जल्दी पकने वाली फसलों में से एक है.
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उड़द- किसान गेहूं की कटाई के बाद उड़द की खेती भी कर सकते हैं इसकी तैयारी का समय 60-65 दिनों का होता है और किसानों को कम लागत में अच्छा लाभ भी मिलता है. साथ ही प्रति बीघा एक से डेढ़ क्विंटल का उत्पादन मिलता है।
तरबूज की खेती- गौरतलब है कि तरबूज की खेती भी नकदी फसलों में से एक है, किसान इसकी खेती कर अच्छा फायदा उठाते हैं. साथ ही गर्मियों में इस फल की मांग काफी बढ़ जाती है इसलिए किसान कम लागत में तरबूज की खेती कर सकते हैं.