Top 3 Improved Variety Of Potato: भारत की प्रमुख खाद्य फसलों में से एक आलू भी है, इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. देशभर की मंडियों में आलू की मांग सालभर रहती है, जिससे किसानों को उपज बेचने में किसी भी तरह की पेरशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, आलू की खेती लगभग हर जलवायु क्षेत्र में की जा सकती है, लेकिन इसकी फसल के लिए ठंडा और समशीतोष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त माना जाता है. वहीं, आलू की बुवाई के लिए अक्टूबर का महीना सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इस समय मिट्टी में नमी और तापमान काफी रहता है, जो फसल की प्रारंभिक वृद्धि के लिए अनुकूल होते हैं. आलू की खेती से अधिक मुनाफा कमाने के लिए किसानों की इसकी उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में अक्टूबर में बुवाई के लिए आलू की 3 उन्नत किस्मों के बारे में जानें.
कुफरी अशोक किस्म
आलू की कुफरी अशोक एक अगेती किस्म है, जो किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. यूपी, बिहार, बंगाल, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में इस किस्म की सबसे अधिक खेती की जाती है और यह गंगा तटीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. यह सफेद कंद वाली आलू किस्म है और इसके पौधे की 60 से 80 सेंटीमीटर तर ऊंचाई रहती है. बुवाई के करीब 70 से 80 दिनों में इसकी फसल पककर तैयार हो जाती है. यदि किसान आलू की इस किस्म की खेती एक हेक्टेयर क्षेत्र में करते हैं, तो इससे लगभग 40 टन तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. अगर हम इस किस्म की औसतन उपज की बात करें, तो किसान प्रति हेक्टेयर 280 से 300 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
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कुफरी सूर्या किस्म
अक्टूबर के महीने में आलू की खेती के लिए इसकी कुफरी सूर्या किस्म काफी अच्छा विकल्प हो सकती है. चिप्स और फ्रेंच फ्राइज जैसे प्रोडक्ट्स को तैयार करने के लिए इस आलू का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है. अन्य आलू की किस्मों के मुकाबले कुफरी सूर्या आलू का आकार बड़ा होता है. देशभर में चिप्स और स्नैक्स की बढ़ती मांग को देखते किसानों के लिए इस किस्म की खेती फायदेमंद हो सकती है. इस आलू का कंद सफेद होता है और इसकी खेती के लिए सिंधु-गंगा क्षेत्र सबसे उपयुक्त माना जाता है. बुवाई के लगभग 75 से 80 दिनों में ही आलू की फसल को तैयार होने का समय लगता है. यदि किसान आलू की इस किस्म की खेती एक हेक्टेयर क्षेत्र में करते हैं, तो इससे लगभग 300 से 350 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.
कुफरी पुखराज किस्म
भारत में सबसे ज्यादा उगाये जाने वाली आलू की किस्मों में कुफरी पुखराज का भी नाम आता है. देश में आलू उत्पादन का लगभग 30% योगदान इस किस्म का रहता है. इसकी मुख्य रुप से खेती यूपी, हरियाणा, पंजाब, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में की जाती है. इस आलू का कंद सफेद होता है और कम तापमान वाले इलाकों के लिए इसकी खेती की जा सकती है. बुवाई के लगभग 70 से 90 दिनों के भीतर इसकी फसल पककर तैयार हो जाती है. अगर किसान आलू की कुफरी पुखराज किस्म की खेती एक हेक्टेयर क्षेत्र में करते हैं, तो इससे लगभग 400 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.