कोरोनाकाल के बाद स्वस्थ रहने के लिए लोग फलों का सेवन करने लगे हैं. लिहाजा फलों की डिमांड बढ़ गई है. इनमें से एक फल है चीकू, जिसे भारत में खाया और उगाया जाता है. भारत के कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है. चीकू फल खाने में मीठा और स्वादिष्ट होता है. स्वास्थ्य की दृष्टि से चीकू बहुत अच्छा होता है. इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट जैसे कई सारे पोषक तत्व होते हैं. ऐसे में किसानभाई चीकू की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आईए जानते हैं चीकू की खेती के बारे में.
कमाई और मुनाफा
चीकू के पौधे खेत में लगाने के तीन से चार साल बाद पैदावार देना शुरू करते हैं. इस बीच आप खेत में अन्य फसलें उगाकर मुनाफा कमा सकते हैं. एक हेक्टेयर में 300 पौधे लगाए जा सकते हैं. एक चीकू का एक पौधा सलाना 130 से 140 किलो के आसपास उत्पादन देता है. जो बाजार में 40 से 50 रुपए प्रति किलो के दाम पर बिकते हैं. इस तरह प्रति हेक्टेयर 6 लाख के आसपास सलाना कमाई की जा सकती है.
चीकू की उन्नत किस्में
भारत में चीकू की कई किस्में उगाई जाती हैं. इसमें अगेती और पिछेती किस्में शामिल हैं. पीली पत्ती, भूरी पत्ती, पीकेएम 2 हाइब्रिड, क्रिकेट बाल(कोलकाता राउंड), बारहमासी, पोट सपोटा, बैंगलोर, पी.के.एम.1, डीएसएच – 2 झुमकिया , ढोला दीवानी, कीर्ति भारती, पाला, द्वारापुड़ी, जोनावालासा 1 और वावी वलसा जैसे कई उन्नत किस्में हैं.
जलवायु और मिट्टी
चीकू की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु उपयुक्त होती है. इसके पौधे गर्मी के मौसम में अच्छे से विकास करते हैं. इसकी खेती ठंडे प्रदेशों में नहीं होती. इसके पौधों को विकास के लिए सामान्य तापमान की जरुरत होती है. इसके पौधे अधिकतम 40 डिग्री तापमान को सहन कर सकते हैं. चीकू की अच्छी पैदावार के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है. इसके लिए हल्की क्षारीय और हल्की लवणीय मिट्टी अच्छी होती है. भूमि का पीएच मान 5.8 से 8 के बीच होना चाहिए.
खेती का तरीका
चीकू की खेती के लिए खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें. खेत में रोटावेटर चलाकर मिट्टी को भुरभुरा बना लें. चीकू के पौधों को खेत में गड्ढे बनाकर लगाया जाता है. इसके लिए भूमि को समतल कर एक मीटर चौड़े और दो फिट गहराई वाले गड्ढे तैयार करें. गड्ढों के बीच में उचित दूरी रखे. गड्ढों में उचित जैविक खाद मिलाएं. पौध रोपाई के एक महीने पहले ही गड्ढे तैयार किए जाते हैं.
कहां से ले बीज
चीकू की खेती के लिए पौधे नर्सरी में तैयार किए जाते हैं. बीज से पौधे बनाने में काफी समय लगता है. ऐसे में आप स्थानीय नर्सरी से चीकू की पौध खरीद सकते हैं.
रोपाई का सही समय
पौधरोपाई का सही समय बारिश होता है. जून-जुलाई के माह में ही पौधों की रोपाई कर देनी चाहिए. सिंचाई के अच्छे इंतजाम के लिए रोपाई मार्च माह के बाद भी कर सकते हैं.
सिंचाई
चीकू कम बारिश में तैयार होने वाली फसल है. इसके वृक्ष को साल में 7 से 8 सिंचाई की ही जरुरत होती है. लेकिन अगर इसके पौधों की रोपाई बलुई मिट्टी में की गई हो तो पानी की जरुरत ज्यादा होती है.
पौधों की देखभाल
चीकू के पौधों के विकास के लिए उचित उर्वरक की जरुरत होती है. पौधों से फलों की तुड़ाई के बाद कटाई-छटाई कर देनी चाहिए. सुखी और रोग ग्रस्त शाखाओं को काटकर हटा देने से नई शाखाएं निकलती हैं. जिससे पौधों की उचित वृद्धि होती है.