Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 30 October, 2019 5:13 PM IST
Wheat

रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की नवीनतम किस्म कुदरत-9का बीज अच्छी उपज लेने हेतु एक बेहतर विकल्प है. गेहूं की इस की खास बात यह है कि इस किस्म की पौध की लंबाई 85 सेमी होती है. वही यह 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। गेहूं की अन्य क़िस्मों की तुलना में इसका पौधा छोटा होता है. जिसके कारण तेज हवाओं में भी यह गिरेगा नहीं.

 बता दे कि गेहूं के इस किस्म को विकसित वाराणसी जिले के कुदरत कृषि शोध संस्थान के प्रकाश रघुवंशी ने की है. तो वही, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर में इसका ट्रायल भी हुआ था. सकारात्मक परिणाम होने के कारण इसे भारत सरकार की ओर से रजिस्टर्ड भी कर दिया गया है. इसे भारत सरकार ने रघुवंशी नाम दिया है. 

गेहूं का यह किस्म बौनी किस्म का है. इस किस्म की लम्बाई लगभग 90 सेंटीमीटर और इसकी बाल की लम्बाई लगभग 20 सेंटीमीटर है. गेहूं का यह किस्म 110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसकी पैदावार 25-30 कुंतल प्रति एकड़ निकलती है. इस किस्म का दाना मोटा और चमकदार होता है. इसकी पैदावार और गुणवत्ता को देखते हुए कई राज्यों में इसकी मांग बढ़ी है. 

गेहूं की यह किस्म ओलावृष्टि जैसी समस्याओं को आसानी से झेल सकती है. किसान इसकी बुवाई 25 अक्टूबर से 25 दिसंबर तक कर सकते हैं. बीज बुआई में 40 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज लगेगा. यह 2-3 पानी में पक जाएगी. अभी तक प्रकाश सिंह कृषि फसलों की 300 से अधिक किस्में ईजाद कर चुके हैं.

भूमि का चुनाव

इसकी बुवाई सभी प्रकार की मिट्‌टी में आसानी से किया जा सकता है लेकिन दोमट मिट्‌टी में इसकी खेती बेहतर की जा सकती है. जल निकास की सुविधा होने पर मटियार दोमट तथा काली मिट्टी में भी इसकी अच्छी उपज  ली जा सकती है. इसकी खेती हेतु खेती की मिट्टी का पीएच मान 5 से 7.5 के बीच में होना चाहिए.

खेत की तैयारी कैसे करें

बीज के अच्छे अंकुरण के लिए भुरभुरी मिट्टी का होना बेहद जरूरी है. खरीफ की फसल काटने के बाद खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल (एमबी प्लाऊ) से करें. जिससे खरीफ फसल के अवशेष और खरपतवार मिट्टी मे दबकर सड़ जाए. इसके बाद 2-3 जुताइयां देसी हल-बखर या कल्टीवेटर से करें. प्रत्येक जुताई के बाद पाटा देकर खेत समतल करें.

English Summary: cultivate a new variety of wheat Kudrat - 9 produce the highest
Published on: 30 October 2019, 05:26 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now