Poultry Farming: हाईटेक पोल्ट्री फार्मिंग से शरद कुमार सिंह सालाना कमाते हैं 20 लाख रुपये मुनाफा! Chhath Puja: छठ पूजा में क्यों शामिल किया जाता है केला? जानें परंपरा और धार्मिक महत्व एप्पल बेर के लिए सबसे घातक है पाउडरी मिल्डयू रोग, जानें लक्षण और प्रबंधन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 5 November, 2024 12:50 PM IST
हरी धनिया की इन 5 उन्नत किस्मों की करें खेती (Picture Credit - Shutter Stock)

Dhaniya ki kheti: हरी धनिया की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक विकल्प है, जिसे कम लागत में उगाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. धनिया की बाजार में लगातार मांग रहती है, जिससे इसके दाम स्थिर और लाभकारी होते हैं. ऐसे में किसान धनिया की उन्नत किस्मों का चयन करके कम समय में बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. इनमें कुछ खास किस्में हैं: हिसार सुगंध, आरसीआर 446, सिम्पो एस-33 और कुंभराज स्वाती. इन किस्मों की खेती से किसान मेहनत और समय बचाते हुए अच्छी आमदनी कर सकते हैं.

आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में हरी धनिया की इन 5 उन्नत किस्मों के बारे में विस्तार से जानें.

1. हिसार सुगंध

यह धनिया की एक उन्नत किस्म है, जिसमें मध्यम आकार के दाने होते हैं. इस किस्म के धनिया की सुगंध बहुत अच्छी होती है. इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं और उकठा तथा स्टेमगाल रोग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता रखते हैं. यह किस्म 120 से 125 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 19 से 21 क्विंटल तक पैदावार देने में सक्षम है.

ये भी पढ़ें: गेहूं की बुवाई से पहले रखें इन खास बातों का ध्यान, नहीं लगेगा कोई रोग और मिलेगी बंपर पैदावार!

2. आरसीआर 446

धनिया की इस किस्म के पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं और इनकी शाखाएं सीधी होती हैं. इसके दाने मध्यम आकार के होते हैं, और पौधों में अधिक पत्तियां पाई जाती है. यह किस्म उकठा, स्टेमगाल और भभूतिया रोगों के प्रति सहनशील होती है. बुवाई के बाद से इसकी फसल को पूरी तरह से तैयार होने में 110 से 130 दिनों का समय लगता है. किसान एक एकड़ में इस धनिया की खेती करके  लगभग 4 से 5 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

3. सिम्पो एस 33

धनिया की इस किस्म के पौधों की भी ऊंचाई मध्यम होती है और इसके दाने बड़े व अंडाकार होते हैं. यह किस्म उकठा और स्टेमगाल रोगों के प्रति सहनशील होती है. इसकी फसल को पूरी तरह से तैयार होने में 140 से 150 दिनों का समय लगता है. किसान एक एकड़ भूमि पर धनिया की इस किस्म की खेती करके लगभग 7 से 8 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

4. कुंभराज

कुंभराज किस्म के दाने छोटे आकार के होते हैं और पौधों में सफेद फूल खिलते हैं. इसकी ऊंचाई मध्यम होती है और यह उकठा एवं भूतिया रोग के प्रति सहनशील है. बुवाई के बाद से इसकी फसल को पूरी तरह से पक कर तैयार होने में 115 से 120 दिनों का समय लगता है. किसान एक एकड़ खेत में इसकी खेती करके 5 से 6 क्विटंल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

5. स्वाति

भारत के किसानों के बीच धनिया की स्वाति किस्म को काफी पंसद किया जाता है, क्योंकि इसे तैयार होने में कम समय लगता है. बता दें, धनिया की इस किस्म को एपीएयू, गुंटूर द्वारा विकसित किया गया है, और बुवाई के मात्र 80 से 90 दिनों के भीतर इसकी फसल पूरी तरह से पक कर तैयार हो जाती है. इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 885 किलोग्राम तक होती है, जो इसे अधिक उपजाऊ और लाभकारी बनाती है.

English Summary: cultivate 5 improved varieties of green coriander get 21 quintals per hectare production less time
Published on: 05 November 2024, 12:54 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now