राजस्थान के अजमेर में बीसलपुर बांध का जलसंग्रहण क्षेत्र पूरी तरह से सूखा पड़ चुका है. इस तरह से अजमेर, बाड़मेर, जयपुर, टोंक आदि में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है. तो वही दूसरी ओर आसपास स्थित बनास नदी के में खीरा और ककड़ी, कददू, खरबूजा और तरबूजे की बंपर पैदावर होती है. इसके अलावा हरी सब्जी लौकी की भी काफी बेहतर खेती हो रही है. इस तरह की खेती की पैदावार हो जाने से किसानों के लिए काफी ज्यादा अच्छी खबर है. पहले से ही इस साल मानसून की बेरूखी के चलते अपेक्षाकृत काफी कम ही बारिश हुई है. यहां पर स्थित जो बांध है उसकी पूर्ण भराव क्षमता 315.5 मीटर तक है जो कि पूरे मानसून के खत्म होने तक 309 मीटर तक भर पाया है. नदी के पेटे में उग रही सब्जियों की काफी बढ़िया पैदावार हो रही है और किसानों को काफी फायदा हो रहा है.
नदी की ककड़ी का अलग स्वाद
अजमेर की बनास नदी की खीरा और ककड़ी का एक अलग ही स्वाद होता है. दरअसल यहां पर उगने वाली ककड़ी की मिठास और उसकी गुणवत्ता का कोई मुकाबला ही नहीं है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां की बजरी का साफ- सुथरा होना और शुद्ध पानी इसकी बड़ी वजह है. आजकल हम देख रहे है कि कई शहरों में नदियों के पानी की गह पर नालों के पानी से खेती करने की शिकायतें प्राप्त हो रही है. ऐसे स्थिति में बनास नदी के खीरा-ककड़ी, लाल टमाटर और खरबूजे और तरबूजे उनकी खास पसंद बन चुके है. किसानों को इन ककड़ी और खीरे से बेहतर कमाई हो रही है.
बहुत ही अधिक है मांग
इन ककड़ी और खीरे की मांग नई दिल्ली, टोंक, जयपुर, सीकर, जोधपुर, बीकानेर, रोहतक और अमृतसर, भटिंडा समेत कई बड़े शहरों में बनी हुई है. इन दिनों बनास नदी के जरिए फलों की आपूर्ति जारी है. यह के फलों की यह गुणवत्ता और मिठास इसकी पसंद का प्रमुख कारण बन रही है. ट्रकों समेत अन्य वाहनों के सहारे मंडियों में पूरी तरह से फल सब्जी को पहुंचाई जा रही है.
किसानों को हो रहा है दोहरा फायदा
जैसे ही बनास नदी के पेटे में पानी की मात्रा कम हुई है उसके बाद ही किसानों ने यहां पर तुरंत सब्जियों की खेती का का कार्य शुरू कर दिया था. इन दिनों फल और हरी सब्जियों का पूरा सीजन शुरू हो चुका है. किसान बाड़ियों से फल और सब्जी को तोड़कर प्लास्टिक के कट्टों, छाबड़ियों और अन्य में भरकर मंडी में पहुंचाए जा रहे है. यह शादियों का सीजन है ऐसे में इस नदी की सब्जियों की मांग शादियों के सीजन में बढ़ गई है. सबसे ज्यादा खपत खीरा और ककड़ी की है. इस नदी के खरबूजे और तरबूजे भी सबसे ज्यादा लोगों के जरिए पसंद किए जा रहे है. इनकी मिठास लोगों के मुंह पर सिर चढ़कर बोल रही है.