सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 9 March, 2022 9:10 PM IST
Bitter Melon Varieties

हमारे सब्जियों की टोकरी में करेला (Bitter Gourd Vegetable ) को बहुत अहम और मुनाफेदार सब्जी माना जाता है. करेले में पाए जाने वाले अनेक प्रकार के खनिज, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट एवं विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ पोषक तत्त्व होते हैं, जो पाचन, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और गठिया जैसे रोगियों के लिए बहुत लाभकारी होते हैं.

करेले के औषधीय गुणों (Medicinal Properties ) के चलते इसकी बाज़ार में मांग बहुत अधिक होती है. इसलिए अगर आप करेला की खेती से करने की चाह रखते हैं, तो इसके  लिए जरुरी है आपको करेल की उन्नत और बारहमासी किस्मों (Improved And Perennial Varieties Of Bitter Gourd ) के बारे में सही जानकरी होनी चाहिए. इस तरह से आप करेला की खेती से कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

करेला की उन्नत और बारहमासी किस्मों के नाम (Names Of Improved And Perennial Varieties Of Bitter Gourd)

पूसा हाइब्रिड 2 किस्म (Pusa Hybrid 2 Variety)

यह करेला की सबसे अच्छी और बेहतरीन किस्मों (Varieties) में एक है. इस किस्म की खेती भारत के सभी क्षेत्रों में आमतौर पर की जाती है.  इस किस्म के फल का रंग गहरे हरे रंग का होता है. इसके आकार की बात करें, तो इस किस्म की फलों की की लंबाई 12 से 13 सेंटीमीटर होती है. प्रत्येक पल का वजन 80 से 90 ग्राम तक होता है. यदि किसान भाई इस किस्म की खेती प्रति एकड़ भूमि के हिसाब से करते हैं तो उनको में इस किस्म से 72 से 76 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैदावार प्राप्त होगी. 

कोयंबटूर लौंग किस्म (Coimbatore Clove Variety)

करेला की यह किस्म के पौधे सभी किस्मों के अतिरिक्त ज्यादा अधिक फैलते हैं. इस किस्म में पौधों में फलों की संख्या भी अधिक पायी जाती है. खरीफ मौसम के लिए यह किस्म बहुत ही उपयुक्त होती है.  प्रत्येक फल का वजन करीब 70 ग्राम होता है. इस किस्म की खेती से किसान प्रति एकड़ भूमि से 32 से 40 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

इसे पढ़ें- हाइब्रिड करेले की खेती कैसे करें, जानें पूरी विधि

प्रिया किस्म (Priya Variety)

करेला की यह किस्म प्रिया जिसका फल करीब 19 सेंटीमीटर लम्बा होता है. देश के दक्षिण भारतीय क्षेत्रों में इस किस्म की खेती वर्ष में तीन बार सफलतापूर्वक की जा सकती है. वहीँ उत्तर भारतीय क्षेत्रों में इस किस्म की खेती अगस्त सितंबर माह में की जाती है. इस किस्म की खेती से किसान भाई प्रति एकड़ भूमि से 32 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

इसके आलावा किसान भाई करेले की 1,2 हाइब्रिड पूसा की बुवाई कर सकते हैं. इसके साथ ही पूसा टू सीजनल, पूसा स्पेशल, कल्याणपुर, प्रिया सीओ-1, एसडीयू-1, कोयंबटूर लॉन्ग, कल्याणपुर सोना, बारहमासी करेला, पंजाब करेला-1, पंजाब-14, सोलन हारा, सोलन और बारहमास आदि किस्मों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.  

English Summary: Complete information about improved and perennial varieties of bitter gourd
Published on: 09 March 2022, 06:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now