दुनियाभर में कॉफी (Coffee) की खपत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. आलम ये है कि अब भारत में भी लोग चाय से ज्यादा कॉफी को पसंद करने लगे हैं. ऐसे में इसकी खेती कर किसान शुरुआत से ही मोटी कमाई कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं इसकी खेती और इसके मुनाफे के बारे में पूरी जानकारी...
भारत के इन राज्यों में सबसे ज्यादा कॉफी की खेती (These states of India have the highest coffee cultivation)
कॉफ़ी उत्पादन के मामले में भारत दुनिया के प्रमुख 6 देशों में शामिल है. वहीं देश के दक्षिण पहाड़ी राज्यों में मुख्य रुप से कॉफी की खेती की जाती है. इसमें सबसे ज्यादा कर्नाटक, केरल, और तमिलनाडु ऐसे राज्य हैं, जहां कॉफी का उत्पादन सबसे अधिक किया जाता है. यहां आपको ये भी बता दें कि भारतीय कॉफी की गुणवत्ता(Indian coffee quality) दुनिया भर में सबसे अच्छी मानी जाती है.
कॉफी की खेती करने के लिए इन बातों का रखें विशेष ध्यान
जलवायु- कॉफ़ी की खेती के लिए समशीतोष्ण जलवायु सबसे अच्छी होती है.
समय- जून से जुलाई का महीना इसकी बुवाई के लिये सबसे बेहतर माना जाता है.
मिट्टी- कॉफी की खेती के लिए दोमट मिट्टी की जरूरत होती है. साथ ही इस मिट्टी का पीएच मान 6 से 6.5 होना चाहिए. इसमें कार्बनिक तत्वों का होना भी जरूरी है.
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तापमान- कॉफी की खेती खुले और तेज धूप वाले स्थानों पर करने से बचें. छायादार स्थानों पर ही इसकी खेती से अच्छी उपज मिलती है. इसके लिए तापमान 18 से 20 डिग्री तक सबसे अच्छा माना जाता है. हालांकि गर्मियों के मौसम में अधिकतम 30 डिग्री तापमान और सर्दियों के मौसम में न्यूनतम 15 डिग्री तापमान को इसकी फसलें सहन कर सकती हैं. ज्यादा सर्दियों में इसकी खेती करने से बचें.
सिंचाई- कॉफी की खेती के लिये अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है. साथ ही इसकी खेती के लिए ज्यादा बारिश की जरूरत नहीं होती है. बल्कि बस 150 से 200 सेंटीमीटर तक की बारिश पर्याप्त होती है.
कीटनाशक का प्रयोग- इसकी फसलों में कीट और बीमारियों का ज्यादा प्रकोप नहीं रहता है. ऐसे में आप इसकी फसलों में बस खाद और उर्वरक डालकर बेहतर क्वालिटी का कॉफी प्राप्त कर सकते हैं. अगर कभी कोई रोग या कीट दिखता है, तो आप इसमें Neem Pesticide का उपयोग कर सकते हैं.
कॉफी की खेती करने का सबसे अच्छा तरीका
कॉफी की खेती के लिए सबसे पहले खेतों को अच्छे से जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाया जाता है. इसके बाद खेत को अच्छे से समतल करके कुछ दिनों के लिए ऐसे ही छोड़ दिया जाता है. अब इस समतल खेत में 4 से 5 मीटर की दूरी पर क्यारियां बनाई जाती हैं. इसके बाद प्रत्येक क्यारी में पौधे की रोपाई के लिए 4-4 मीटर की दूरी पर गड्ढें बनाए जाते हैं.
गड्डा तैयार हो जाने के बाद इसमें पर्याप्त मात्रा में जैविक और रासायनिक खाद को मिट्टी में मिलाकर गड्डे में डाल दिया जाता है. जब सभी गड्डे भर जाते हैं, तो इसमें अच्छी तरह से सिंचाई की जाती है, ताकि मिट्टी ठीक तरह से बैठ जाए.
यहां आपको बता दें कि गड्डो को पौधों की रोपाई से एक महीने पहले तैयार किया जाता है.
कॉफी की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिए कुछ तकनीक
पहाड़ी इलाका- बीजों के बजाय कलम यानी ग्राफ्टिंग विधि (Grafting Technique) से बुवाई करें.
मैदानी इलाका- इसकी खेती करने के लिए दोमद मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की पूर्ति करके बेहतर पैदावार पा सकते हैं.
कॉफी की फसल में निराई-गुड़ाई करते रहें. इससे पौधों में ऑक्सीजन का संचार होता रहता है, जिससे पौधे का विकास तेजी से होता है.
कॉफी की खेती से कितना मुनाफा मिलता है? (How much profit is made from coffee cultivation?)
बता दें कि कॉफी की फसल 4 से 5 साल में बीज देने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाता है. इसके साथ ही कॉफी की फसल एक बार लगने के बाद सालों तक इससे पैदावार मिलती है.
अनुमान के मुताबिक, इसकी फसलों से लगभग 50 से 60 सालों तक कॉफी के बीजों की पैदावार होती है. एक अनुमान के मुताबिक, एक एकड़ जमीन में करीब 2.5 से 3 क्विंटल तक कॉफी के बीजों की पैदावार होती है. ऐसे में किसान इसकी व्यवसायिक खेती कर सालाना 1 लाख तक कमा सकते हैं.
कॉफी की फसलों के साथ करें सह-फसली खेती
कॉफी की खेती कर किसान अपने आमदनी को बढ़ा सकते हैं. साथ ही किसान चाहें, तो कॉफी की फसलों के साथ ही वो दूसरी फसलें जैसे दलहन और तिलहनी फसलों को सह-फसल के रूप में उगाकर दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसा करने से ना सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि इससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी बढ़गी.
कॉफी की फसलों की मांग क्यों बढ़ रही है?
जैसा की सबको ज्ञात होगा कि कॉफी का उचित मात्रा में सेवन करना फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि माना जाता है कि ये शरीर से सुस्ती को दूर कर स्फूर्ति बढ़ाती है. कॉफी जहां लोग पीने के लिए उपयोग कर ही रहे हैं, तो वहीं अब कॉफी की प्रोसेसिंग (coffee Processing) कर इससे कई ब्यूटी प्रॉडक्ट्स भी बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही कॉफी से अब कई खाने-पीने की चीजें भी बनाई जा रही हैं. ऐसे में अब कॉफी की मांग भी बाजारों में काफी तेजी से बढ़ने लगी है. ऐसे में किसान इसकी खेती कर अपने तरक्की के द्वार खोल सकते हैं.