Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 13 January, 2022 2:06 PM IST
कॉफ़ी के फसल में लगेगा बूस्टर डोज

आप सभी ने कोरोना महामारी से बूस्टर डोज लगवाने की ख़बर पढ़ी होगी. सरकार का अनुरोध है कि सभी कोरोना महामारी से बचने के लिए वैक्सीन जरूर लगवा लें. इसी कड़ी में अब 60 वर्ष और जो शारीरिक रूप से बीमार हैं, उनको सरकार बूस्टर डोज लगवा रही है.

जिससे उनका इम्युनिटी सही रहे. मगर अब इंसानों के साथ-साथ फसलों को भी बूस्टर डोज देने की तैयारी की जा रही है.दरअसल, ऐसी एक ख़बर हिमाचल से आई है, जहाँ इंसानों के बाद  कॉफ़ी की फसलों को बूस्टर डोज देने की तैयारी की जा रही है.

मुफ्त में बांटे जाएंगे पौधे

हालांकि, यह प्रयास सरकार की ओर से नहीं बल्कि निजी प्रयासों के जरिये हो रहा है. इसके तहत राज्य के किसानों को 2 लाख पौधे मुफ्त में दिए जाने के बाद अब फिर करीबन इतने ही पौधे मुफ्त में दिए जाएंगे.

इन्डियन कॉफ़ी बोर्ड (Indian Coffee Board) के पूर्व सदस्य और कृषि विशेषज्ञ डॉ.विक्रम शर्मा के प्रयासों से राज्य में इस मुहीम को सफल बनाने के लिए अंजाम दिया जा रहा है. उनका कहना है कि हिमाचल के कई इलाकों कॉफ़ी की खेती के लिए अनुकूल है. 

आपको बता दें कि डॉ. शर्मा हिमाचल के बाद उत्तराखंड और देश के अन्य पहाड़ी राज्यों में भी कॉफ़ी की खेती होनी की इच्छा रखते हैं. उन्होंने सबसे पहले कॉफ़ी की खेती उत्तर भारत में हिमाचल के कांगड़ा से की थी. जिसके लिए उन्होंने किसानों को मुफ्त पौधे देने के लिए कर्नाटक कॉफ़ी बोर्ड से कॉफ़ी के बीज मंगवाए थे.

ये भी पढ़ें: जानिए किस फसल के लिए कौन-सी मिट्टी उपयोगी है?

हिमाचल में कॉफ़ी

हिमाचल में कांगड़ा चाय की स्थिरता के बाद अब किसानों का रुझान कॉफी की ओर बढ़ा है. इसमें कृषि विभाग के चाय विभाग सक्रिय भूमिका निभाते नज़र आ रहे हैं. प्रदेश के छह जिलों में वर्तमान में कॉफी की खेती को परीक्षण के साथ-साथ व्यापारिक तौर पर किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में कॉफी की संभावनाओं को तालाशने के लिए भारतीय कॉफी बोर्ड के चेयरमैन के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया था. इसमें कॉफी अनुसंधान केंद्र, सीसीआरआइ, चिकमंगलूर के वैज्ञानिकों को लिया गया था. कमेटी ने अगस्त, 2012 में हिमाचल का दौरा कर प्रदेश में कॉफी उत्पादन की संभावनाओं को प्रबल करार देते हुए खेती करने की सलाह दी थी.

इसके बाद कृषि विभाग के चाय विभाग ने तकनीकी अधिकारी डीएस कंवर के नेतृत्व में कॉफी की खेती को आगे बढ़ाने की हरी झंडी दे दी.

English Summary: Coffee crops will also get a immunity booster dose
Published on: 13 January 2022, 02:13 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now