आज के दौर में खेती- किसानी के साथ में कई लोग मछली पालन, मुर्गी पालन, सूअर पालन जैसे व्यवसाय भी कर रहे हैं. जिसके चलते ये व्यवसाय आम लोगों के बीच में काफी पॉपुलर हो रहे हैं. इसीलिए आज के इस लेख में एक दुर्लभ प्रजाति की मछली चीतल मछलीपालन के व्यवसाय के बारे में बताने जा रहे हैं.
दरअसल, चीतल मछली अमेरिका और बांग्लादेश में पई जाने वाली मछली है. ये तालाब में नीचे जमीन की तली पर रहती है इसलिए इसे मीठे पानी की मछली के रूप में भी जाना जाता है. चीतल के अलावा इस मछली को चिटोल मछली, चित्तल मछली आदि नामों से भी जाना जाता है. ये मछली बहुत ही खास मछली है, क्योंकि इसमें कई प्रकार के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. ये अपने भोजन के रुप में छोटी मछलियों जैसे- झींगा, घोंघे इत्यादि को खाती है.
चीतल मछली को पालने से पहले निम्न बातों का ध्यान जरुर रखें:
तालाब को तैयार करने की विधि
चीतल मछली का पालन करने के लिए अप्रैल महीने में तालाब की तैयारी शुरु की जाती है और संभव हो सके तो इसके लिए 1 एकड़ के खेत में तालाब बनाना ठीक रहता है. तालाब ठीक से बनाने के लिए सबसे पहले अच्छी तरह तालाब की खुदाई करना जरुरी होता है. इसके बाद कुछ दिनों के लिए तालाब को खोद कर ऐसे ही छोड़ देना है ताकि मिट्टी में दरार बन जाए. दरार बनने के बाद पशुओं के गोबर या मुर्गियों के खाद 400 किलो और 50 किलो चुना डाल देनी चाहिए.
तालाब में पानी की मात्रा इतनी होनी चाहिए
चीतल मछली तालाब में एकदम नीचे तल पर रहती है इसलिए तालाब में पानी की मात्रा 3 फीट से कम और 4 फिट से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
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मछली के लिए ये खाना डालना चाहिए
ये मछली मांसाहारी होती है इसलिए तालाब में 2 महीने पहले 3 से 5 हजार तिलपिया मछली के बीज डालने चाहिए ताकि ये कुछ दिनों के बाद चीतल मछली के लिए भोजन के रुप में उपयोग हो सकें.
भारतीय बाजार में चीतल मछली की कीमत
चीतल मछली की कीमत बाजार में अन्य मछलियों की तुलना में काफी ज्यादा होती है. भारत में इसकी कीमत 250 रुपए किलो से लेकर 400 रुपए किलो तक रहती है, लेकिन दूसरे देशों में इसकी कीमत और भी महंगे होते हैं.
चीतल मछली के उत्पादन के बारे में बात की जाए तो इस मछली की अच्छी से देखरेख की जाए तो एक साल में यह लगभग 2 से 2.5 किलो की हो जाती है, इस तरह आप एक एकड़ तालाब से 1000 से 2000 किलो उत्पादन ले सकते हैं.