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Updated on: 14 October, 2020 5:30 PM IST

जीएनजी-1958 चने की नई और उन्नत किस्म है, जिसे मरूधर के नाम से भी जाना जाता है. यह बड़े दाने देने वाली किस्म है. इसके 100 दानों का वजन 26 ग्राम होता है. इसका प्रजनक बीज 2013 में तैयार किया गया था. तो आइए जानते हैं चने की इस ख़ास किस्म के बारे में-

सबसे बड़ा दाना

चने की किस्म को श्रीगंगा नगर अनुसंधान केन्द्र के दलहन वैज्ञानिकों ने विकसित किया. देशी चने की अन्य किस्मों की तुलना में इसका दाना सबसे बड़ा होता है. इस लिए वैज्ञानिक चने की किस्म को ग्रेट सम्राट कहकर बुलाते हैं.

किन राज्यों में की जाती है

चने की इस किस्म को राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब समेत अन्य राज्यों के किसान उगाते हैं.

खासियत-

आम चने की तुलना में इस किस्म के चने के पौधे अधिक लंबाई के होते हैं. वहीं इसके पत्तों की लंबाई भी अधिक होती है. इस वजह से उत्पादन भी अधिक होता है. चने की इस किस्म के लिए सिर्फ एक सिंचाई की जरूरत पड़ती है. वहीं रेतीली भूमि में यह किस्म दो सिंचाई में पक जाती है. बता दें कि देशी चनों में सम्राट चने का आकार सबसे बड़ा होता था लेकिन अब मरूधर का होता है. जहां सम्राट चने के 100 दानों को वनज 24 ग्राम होता वहीं मरूधर के 100 चनों को वजन 26 ग्राम होता है. एक पानी या मावठ में इसकी अच्छी उपज हो जाती है.

कीटों का प्रकोप

कम पानी और मोटे दाने की इस किस्म पर कीटों का प्रकोप भी कम पड़ता है. इस वजह से किसानों उत्पादन लागत कम आती है और शुध्द आमदानी अधिक होती है. वैज्ञानिकों को मानना है कि किसान इस किस्म को उगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं. 

अच्छा उत्पादन-

इस किस्म का दाना भूरा किस्म का होता है. जो 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. प्रति हेक्टेयर इससे 18 से 24 क्विंटल की उपज होती है.

कहां से लें बीज-

श्रीगंगा नगर अनुसंधान केन्द्र

फोन नंबर :0154-2440619;

English Summary: chickpea variety gng 1958 marudhar details in hindi
Published on: 14 October 2020, 05:34 PM IST

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