पूरे देश में सीताफल की आपूर्ति मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ राज्य से ही की जाती है। इसीलिए इस बार छत्तीसगढ़ में सरकार सीताफल प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहती है. ऐसा करने से यहां पर सीताफल का उत्पादन और तेजी से होगा। यहां की सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वानिकी फसलों की ओर तेजी से ध्यान दे रही है. इसीलिए सरकार वहां दिन प्रतिदिन लंबे प्रयास कर रही है। इस जिले में सीताफल का कुल लक्ष्य 30 हेक्टेयर ही निर्धारित था जिसे विबाग किसी कारण पूरा नहीं कर सका। इस जिले में केवल 27 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ही उत्पादन हुआ है। पिछले दिनों इस संबंध में कृषि विभाग ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए धान की फसल से इतर अन्य चीजों की खेती भी की थी. उन्होंने इस दौरान नारियल और सीताफल की विशेष रूप से खेती की है।
किसानों की आमदनी बढ़ाना लक्ष्य
इस खेती के सहारे छत्तीसगढ़ के किसानों की आमदनी को बढ़ाना प्रमुख लक्ष्य है। लेकिन जिले में सीताफल की खेती को पने मुकाम तक पहुंचाने में कृषि विभाग नाकाम रहा है। वह अपने तय उत्पादन को पूरा नहीं कर पाया है जिसे हासिल करने में नको अभी काफी वक्त लग सकता है। अगर विबाग किसानों का ल7य पूरा नहीं कर पाया तो चाह कर भी सरकार उनकी मदद नहीं कर सकती है.
पूरे देश में छत्तीसगढ़ से जाता है सीताफल
सीताफल का उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ का वातावरण सर्वाधिक उपयोगी माना जाता है। शायद यही कारण है कि यहां पर सीताफल का उत्पादन भी काफी मात्रा में होता है और पूरे देश में यही से इसकी आपूर्ति की जाती है। अब सरकार बी इस जगह पर प्रोसेसिंग यूनिट को लगाकर किसानों को मजबूत बनाना चाहती है. सरकार ने इसके जरिए आइसक्रीम तैयार करने पर कार्य शुरू करेगी है।
इस वर्ष लक्ष्य निर्धारित नहीं
सीताफल की खेती इस वर्ष जिले में कितने क्षेत्रफल में होगी यह फिलहाल तय ही नहीं किया गया है।अधिकारियों की माने तो भारत सरकार से प्राप्त लक्ष्य के आधार पर ही जिलों का लक्ष्यनिर्धारित होता है। इस बार जिले को सीताफल का ही लक्ष्य मिलेगा इस बात की फिलहाल कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। आम, अमरूद, काजू आदि समेत कई नकदी फसलों का लक्ष्य दिया जाता है देखते है इस बार क्या होता है।