किसान भाई अधिक लाभ कमाने के लिए खेत में नई-नई किस्मों की खेती करते रहते हैं. ताकि वह अपने भविष्य को सुरक्षित रख सके. ऐसे ही बिहार के किसान भी हैं, जिन्होंने अपने खेत में शिमला मिर्च (Capsicum) की अच्छी किस्म की खेती कर अपनी जिंदगी को ही बदल दिया है. देखा जाए तो अब धीरे-धीरे पूरे बिहार राज्य के किसान शिमला मिर्च की खेती (Capsicum Cultivation) की तरफ बढ़ रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार के किसान बड़ी संख्या में अपने खेत में लाल, हरे रंग की शिमला मिर्च की खेती कर लागत से 4 गुना तक अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के काटीकर कोठिया, वीरपुर, मीनापुर और बोचहा के किसान शिमला मिर्च की खेती सबसे अधिक कर रहे हैं.
कई किसानों ने छोड़ी परंपरागत खेती
मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार के कई किसान भाइयों ने अपनी परंपरागत खेती को छोड़कर शिमला मिर्च की खेती को अपनाना शुरू कर दिया है कुछ किसान तो इसकी खेती से जबरदस्त मुनाफा कमा रहे हैं. बिहार के किसानों के मुताबिक, शिमला मिर्च की खेती बाकी अन्य खेती के मुकाबले हमें अच्छा मुनाफा कमाकर दे रही है. उनका यह भी कहना है कि अब तक उन्होंने लाखों का मुनाफा प्राप्त कर लिया है. पहले यहां के ज्यादातर किसान गेहूं और धान की खेती करते थे, लेकिन इसकी खेती से वह अपनी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाते थे, जिसके चलते वह काफी परेशान रहते थे. लेकिन जब से उन्होंने अपने खेत में शिमला मिर्च की खेती की और उसे बाजार में बेचा तो उन्हें गेहूं-धान की फसल के मुकाबले कई गुणा लाभ मिला. किसानों का यह भी कहना है कि इस सब्जी की मांग (vegetable demand) बाजार में बहुत अधिक है. बड़े पैमाने पर बिहार की शिमला मिर्च दूसरे अन्य प्रदेशों में भी भेजी जा रही है.
शिमला मिर्च की उन्नत किस्में (Improved Varieties of Capsicum)
अगर आप भी अपने खेत में शिमला मिर्च की खेती से अधिक लाभ (More profit from capsicum cultivation) प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप खेत में इन बेहतरीन शिमला मिर्च की किस्मों को लगा सकते हैं. अर्का गौरव, अर्का मोहिनी, किंग ऑफ नॉर्थ, कैलिफोर्निया वांडर, अर्का बसंत, ऐश्वर्या, अलंकार, अनुपम, हरी रानी, पूसा दिप्ती, भारत, ग्रीन गोल्ड, हीरा, इंदिरा आदि.
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शिमला मिर्च की खेती के लिए जरूरी बातें
इसकी खेती के लिए खेत की मिट्टी (farm soil) का पीएच मान 6 होना चाहिए और इसका पौधा लगभग 40 डिग्री सेल्सियस तक ही तापमान सहन कर सकता है. ध्यान रहे कि इसके पौधा रोपाई के 75 दिन बाद उत्पादन देना शुरू करते हैं. अगर हम इसकी उपज की बात करें, तो यह फसल 1 हेक्टेयर में शिमला मिर्च की फसल का उत्पादन 300 क्विंटल तक प्राप्त कर सकते हैं. जिसे बाजार में बेचकर किसान हजारों-लाखों सरलता से कमा सकते हैं.