भारत समेत कई देशों में बटन मशरूम की खेती का चलन खूब बढ़ रहा है.. दरअसल, बटन मशरूम खाने में काफी स्वादिष्ट होती है इसलिए बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है. इसे उगाने के लिए एक विशेष विधि से तैयार की गई कम्पोस्ट खाद का उपयोग किया जाता है. जिसे हम दो विधि से बना सकते हैं. एक साधारण विधि है तो दूसरी निर्जीवीकरण विधि.
मशरूम उगाने के लिए कम्पोस्ट तैयार करने की साधारण विधि (How to prepare compost by simple method for Mushroom Cultivation)
यह एक साधारण और आसान विधि है जिससे कम्पोस्ट खाद तैयार करने में 20 से 25 दिन का समय लगता है. इसे बनाने के लिए 100 सेंटीमीटर लंबाई, 50 सेंटीमीटर चौड़ाई और 15 सेंटीमीटर ऊंचाई वाली पेटियों की जरूरत पड़ती है. 15 पेटियों के लिए कम्पोस्ट खाद तैयार करने में निम्न सामग्री की जरूरत होती है:
ढाई क्विंटल गेहूं या धान का भूसा जो 10-12 सेमी. लंबाई में कटा हो.
20 से 25 किलो गेहूं या धान की भूसी.
4 किलो अमोनियम सल्फेट या फिर कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट.
3 किलो यूरिया.
20 किलो जिप्सम.
6.10 मिलि लीटर मैलाथियॉन.
क्या है विधि (What is the Method)
सबसे पहले गेहूं या धान के भूसे को 8 से 10 तह में बिछाए. जिसके बाद उसे पानी से अच्छी तरह भिगोएं. 16 से 18 घंटे के बाद उसमें जिप्सम या कीटनाशक को छोड़कर सभी सामग्रियों को मिला दें. इसके बाद तैयार सामग्री का एक मीटर चौड़ाई, एक मीटर उंचाई और समान लंबाई को ढेर बनाकर 3 से 4 दिन के लिए खुली हवा में फर्श पर खोलकर छोड़ दें. अगर इसका गीलापन कम हो जाए तो उस पर पानी का छिड़काव कर देना चाहिए. भूसे की तीसरी पलटाई के दौरान उसमें जिप्सम की आधी मात्रा मिला दें. चौथी पलटाई में इसमें जिप्सम की बाकी मात्रा दें. वहीं पांचवी और अंतिम पलटाई में 10 मिली लीटर मैलाथियान को 5 लीटर पानी में मिलाकर भूसे पर छिड़कें. इसके बाद इसे भूसे में अच्छे से मिलाए. 3 से 4 दिन में कम्पोस्ट खाद तैयार हो जाएगी जिसे आप पेटियों में भर दें.
बटन मशरूम उगाने के लिए निर्जीविकरण विधि से कम्पोस्ट कैसे तैयार करें? (How to prepare compost using mushroom for sterilization)
15 से 20 दिनों में निर्जीविकरण विधि से कम्पोस्ट खाद तैयार हो जाती है.
पहला चरण- इसका पहला चरण सामान्य विधि की तरह ही है लेकिन भूसे की पलटाई हर दूसरे दिन की जाती है. वहीं जिप्सम तीसरी पलटाई में डाला जाता है. दूसरे चरण के लिए यह आठ दिन बाद ही तैयार हो जाती है.
दूसरा चरण- कम्पोस्ट को दूसरे चरण में सीधे या पेटियों में भरकर निर्जीविकरण कक्ष में रखा जाता है जिसका तापमान 45 डिग्री होता है. जहां पेटियों को रखा गया है उस कमरे की खिड़कियां बंद करके 2-3 दिन 55 से 57 डिग्री के तापमान पर रखते हैं. तीसरे दिन कक्ष का तापमान 2 घंटे के लिए 60 से 62 डिग्री कर दिया जाता है. अब कक्ष में ताजी आने दें और तापमान को 45 डिग्री पर कर दें. इसके अगले दो तीन दिनों के लिए कम्पोस्ट को सामान्य तापमान पर ठंडा होने दें. इसके बाद गहरे भूरे रंग की गंधरहित कम्पोस्ट तैयार हो जाती है.