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Updated on: 7 September, 2024 11:43 AM IST
धान की फसल (Image Source: Pinterest)

धान की खेती से अच्छी फसल पाने के लिए किसानों को धान की उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए. चावल की बायोफोर्टिफाइड किस्में किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकती है. बता दें कि बायोफोर्टिफिकेशन एक कृषि प्रक्रिया है, जो पारंपरिक पौध प्रजनन तकनीकों या आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से खाद्य फसलों की पोषण गुणवत्ता को बढ़ाती है. बायोफोर्टिफाइड चावल की किस्में पोषण संबंधी कमियों, विशेष रूप से प्रोटीन और जिंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों से संबंधित कमियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.

ऐसे में आइए आज के लेख में इस हम धान की बायोफोर्टिफाइड किस्मों/Biofortified Varieties of Rice के बारे में विस्तार से जानते हैं. ताकि किसान इनकी खेती से चावल की अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.  

धान की बायोफोर्टिफाइड किस्में/ Biofortified Varieties of Rice

सीआर धान 310/ CR Paddy 310

  • आईसीएआर-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक द्वारा विकसित सीआर धान 310 जैव-प्रबलित किस्म है , जिसमें 10.3% की उच्च प्रोटीन होता है, जो पारंपरिक किस्मों में पाए जाने वाले 7.0 से 8.0% से अधिक है.

  • इसकी परिपक्वता अवधि 125 दिन है और अनाज की उपज लगभग 45.0 क्विंटल/हेक्टेयर है.

  • यह किस्म खरीफ मौसम के दौरान सिंचित मध्य-प्रारंभिक स्थितियों के लिए तैयार की गई है और यह ओडिशा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है.

डीआरआर धन 45/ DRR Dhan 45

  • डीआरआर धान 45 एक जस्ता-समृद्ध चावल की किस्म है, जिसमें 22.6 पीपीएम जस्ता होता है, जबकि अधिकांश लोकप्रिय किस्मों में 12.0 से 16.0 पीपीएम जस्ता पाया जाता है.

  • आईसीएआर-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा 2016 में जारी की गई यह किस्म खरीफ मौसम में सिंचित परिस्थितियों के लिए आदर्श है.

  • इस किस्म की अनाज उपज 50.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और इसकी परिपक्वता अवधि 130 दिन है तथा इसे कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए अनुकूलित किया गया है.

डीआरआर धन 48/ DRR Dhan 48

  • किसान इस किस्म से करीब 52.0 क्विंटल/हेक्टेयर की उच्च अनाज उपज प्राप्त कर सकते हैं.

  • आईसीएआर-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा विकसित यह किस्म खरीफ मौसम के दौरान सिंचित परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है और इसकी परिपक्वता अवधि 138 दिन है.

  • 2018 में रिलीज़ हुई, डीआरआर धन 48 आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के लिए अनुकूल है.

डीआरआर धन 49/ DRR Dhan 49

  • डीआरआर धान 49 में जिंक की मात्रा सबसे अधिक 25.2 पीपीएम है.

  • आईसीएआर-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा विकसित यह किस्म खरीफ और रबी दोनों मौसमों के लिए उपयुक्त है.

  • इस किस्म से किसान 50.0 क्विंटल/हेक्टेयर की अनाज उपज और 130 दिन की परिपक्वता अवधि के साथ, डीआरआर धान 49 गुजरात, महाराष्ट्र और केरल के लिए सबसे उपयुक्त है.

जिंको राइस एम.एस./ Ginkgo Rice MS

  • जिंको राइस एमएस अपनी 27.4 पीपीएम की उल्लेखनीय जिंक सामग्री के लिए जाना जाता है, जो कि जैव-प्रबलित किस्मों में सबसे अधिक है.

  • इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा विकसित यह किस्म खरीफ मौसम के दौरान वर्षा आधारित और सिंचित दोनों स्थितियों के लिए अनुकूल है.

  • 2018 में जारी जिंको राइस एमएस की अनाज उपज 58.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और इसकी परिपक्वता अवधि 135 दिन है, जो इसे छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए आदर्श बनाती है.

सीआर धान 311 (मुकुल)/ CR Paddy 311 (Mukul)

  • सीआर धान 311  में लगभग 10.1% प्रोटीन और 20.1 पीपीएम जिंक के साथ एक संतुलित पोषक मौजूद होता है.

  • आईसीएआर-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक द्वारा जारी यह किस्म खरीफ मौसम में वर्षा आधारित उथली निचली भूमि और मध्यम भूमि की स्थितियों के लिए उपयुक्त है.

  • इसकी अनाज उपज 46.2 क्विंटल/हेक्टेयर है और परिपक्वता अवधि 124 दिन है.

  • धान की यह किस्म ओडिशा के लिए अनुकूलित है.

सीआर धान 315/ CR Paddy 315

  • सीआर धान 315 में जिंक की मात्रा 24.9 पीपीएम है और इसे खरीफ मौसम के दौरान सिंचित परिस्थितियों के लिए डिजाइन किया गया है .

  • आईसीएआर-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक द्वारा विकसित इस किस्म की अनाज उपज 50.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और यह 130 दिनों में पक जाती है.

  • यह महाराष्ट्र और गुजरात के लिए उपयुक्त है तथा इन क्षेत्रों के लिए एक मूल्यवान विकल्प उपलब्ध कराता है.

English Summary: Biofortified rice varieties high in protein and zinc
Published on: 07 September 2024, 11:49 AM IST

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