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Updated on: 30 September, 2020 12:28 PM IST

आजकल किसान जी-9 टिशु कल्चर केले की खेती (G-9 Banana Cultivation) को तेजी से अपना रहे हैं. इसकी खेती के लिए बिकार सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. बता दें कि राज्य सरकार ने पूर्णिया जिले में करीब 260 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य दिया था. यहां आज से 4 साल पहले करीब 130 हेक्टेयर में जी-9 केले की खेती हुई थी.

खेती पर 50  प्रतिशत अनुदान

किसानों को जी-9 टिशु कल्चर केले की खेती (G-9 Banana Cultivation) के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए बिहार सरकार का उद्यान निदेशालय कुल 50 प्रतिशत तक का अनुदान दे रही है. विभाग का कहना है कि इस साल करीब 260 हेक्टेयर में जी-9 केले की खेती की गई है. इसके तहत 1 एक हेक्टेयर में 3086 पौधे लगते हैं. इसके उत्पादन में करीब 1.25 लाख रुपए तक की लागत लगती है. अगर इसकी खेती से मुनाफ़े की बात करें, तो इससे करीब 3.5 लाख से 4 लाख रुपए तक का मुनाफ़ा मिल जाता है.

जी-9 टिशु कल्चर केले की खेती

इस प्रजाति का केला लैब में तैयार किया जाता है. इसके पौधे छोटे और मजबूत होते हैं, जिसके आंधी-तूफान में टूट कर नष्ट होने की संभावना बहुत कम होती है. इसकी फसल का अच्छा उत्पादन मिलता है. इसके अलावा केले की दूसरी प्रजाति जहां 14 से 15 महीने तैयार होती है, वहीं जी-9 प्रजाति का केला 9 से 10 महीने में तैयार हो जाती है.

जी-9 टिशु कल्चर केले की खासियत

इस वेराइटी की सबसे बड़ी खासियत है कि इस पर पनामा बिल्ट बीमारी का प्रकोप भी कम होता है. बता दें कि केले में लगने वाली बीमारी सीमांचल में किसानों के लिए सबसे बड़ी परेशानी है. विभाग का कहना है कि किसान जी-9 टिशु कल्चर केले से अधिक से अधिक लाभ ले सकते हैं. इस पर उद्यान निदेशालय द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है.

English Summary: Bihar government is giving 50 percent subsidy on G9 banana cultivation
Published on: 30 September 2020, 12:31 PM IST

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