गेहूं मुख्य फसलों में से एक है जिसका लगभग 97% क्षेत्र सिंचित होता है. गेहूं में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके मुख्य फसल उत्पादक क्षेत्र हरियाणा, पंजाब औरउत्तर प्रदेशहैं. ऐसे में इस बार हरियाणा के किसान पहली बार बायो फोर्टिफाइड गेहूं की खेती करने जा रहे हैं. इसके लिए गेहूं की दो खास किस्मों का चुनाव किया गया है.
बायो फोर्टिफाइड गेहूं की खेती के लिए किस्में (Varieties for Cultivation of Bio-fortified Wheat)
देश में बायो फोर्टिफाइड गेहूं की लगभग 35 किस्में मौजूद हैं, जिसमें खेती के लिए गेहूं की बीएचयू-31 और पीबीडब्ल्यू 1 जेडएन किस्म का चुनाव किया गया है. इन किस्मों के बीज भी उपलब्ध करवाए गए हैं. ये दोनों किस्में पूरी तरह से ऑर्गेनिक (organic) हैं. बता दें कि इसकी खेती की शुरुआत के लिए पलवल के हथीन हलके के गांव कलसाडा को चुना गया है. इस काम में हारवेस्ट प्लस के सहयोग से रूरल डेवलपमेंट काउंसिल (Rural Development Council) किसानों की मदद करेगी. इसके अलावाहरियाणा बागवानी विभाग के मिशन डायरेक्टर बीएस सहरावत बतौर तकनीकी सलाहकार निगरानी करेंगे.
50 एकड़ के लिए नि:शुल्क बीज उपलब्ध (Free seed available for 50 acres)
किसानों को 50 एकड़ में बायो फोर्टिफाइड गेहूं की दोनों किस्मों की खेती करने के लिए निशुल्क बीज उपलब्ध करवाए गए हैं. खास बात यह है कि ये खेती पूरी तरह कृषि विशेषज्ञों की निगरानी में होगी. विशेषज्ञ नियमित रूप से किसानों के खेतों का दौरा करेंगे. इसके साथ ही जैविक खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी देंगे. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बायो फोर्टिफाइड गेहूं की खेती बहुत फायदेमंद है. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और कुपोषण खत्म होगा. लोगों की सेहत के लिए गेहूं की ये किस्मों बहुत जरूरी है. इसमें प्रोटीन, एमिनो एसिड, जिंक, विटामिन और अन्य पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा मौजूद रहते हैं.
गेहूं की किस्मों से उत्पादन (Production from wheat varieties)
इस गेहूं का उत्पादन भी अन्य किस्मों से प्रति एकड़ 7 से 9% तक अधिक होता है, वहीं बाजार में इन किस्मों की गेहूं की मांग बहुत ज्यादा रहती है. इसके साथ ही निजी मंडियों में इसका दाम भी एमएसपी से 8% तक अधिक मिल सकता है. आपको बता दें कि हरियाणा के जिन गांवों को बायो फोर्टिफाइड गेहूं की खेती करने के लिए चुना गया है, उन्हें न्यूट्रिशियन गांव का नाम दिया गया है. हरियाणा में इस किस्म की खेती 50 एकड़ में की जा रही है, लेकिन अगले सीजन इस गेहूं की खेती करने के लिए किसानों ने ढाई हजार एकड़ के लिए बीज तैयार करने का ऑर्डर भी दे दिया है.