Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 31 October, 2020 3:40 PM IST
Tomato Farming

आलू के बाद टमाटर देश की दूसरी उपयोगी सब्जी है. ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति साउथ अमेरिका के पेरू में हुई थी. टमाटर में विटामिन, पोटेशियम के अलावा कई तरह के खनिज तत्व पाए जाते हैं जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. भारत में इसकी खेती कर्नाटक, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेष, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में प्रमुख रूप से होती है. तो आइए जानते हैं टमाटर की उन्नत खेती करने का तरीका..

मिट्टी

टमाटर की फसल हमारे देश में काली, दोमट मिट्टी, रेतीली दोमट मिट्टी और लाल मिट्टी में सफलता पूर्वक उगाई जाती है. इसकी अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का पीएच मान 7 से 8.5 होना चाहिए. बता दें कि इसमें मध्यम अम्लीय और लवणीय मिट्टी को सहन करने की क्षमता होती है. वैसे, टमाटर की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उत्तम मानी जाती है. हल्की मिट्टी में भी टमाटर की अच्छी फसल होती है. 

टमाटर के मुख्य किस्में

टमाटर की देशी किस्मों में पूसा शीतल, पूसा 120, पूसा रूबी, पूसा गौरव, अर्का विकास, अर्का सौरभ और सोनाली है. वहीं हाइब्रिड किस्मों में पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा हाइब्रिड-4, रश्मि और अविनाश-2 प्रमुख हैं. 

खेत की तैयारी

एक गहरी जुताई के बाद मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए 4 से 5 जुताई करना चाहिए. अंतिम जुताई के समय खेत में विघटित गोबर, नीम केक 8 किलो प्रति एकड़ या कार्बोफ्यूरॉन 5 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से डालना चाहिए. 

पौधे कैसे तैयार करें

खेत में रोपने से पहले टमाटर के पौधे नर्सरी में तैयार किए जाते हैं. इसके लिए नर्सरी को 90 से 100 सेंटीमीटर चौड़ी और 10 से 15 सेंटीमीटर उठी हुई बनाना चाहिए. इससे नर्सरी में पानी नहीं ठहरता है, वहीं निराई-गुड़ाई अच्छे से होती है. बीज को नर्सरी 4 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए. बीज की नर्सरी में बुवाई से पहले 2 ग्राम केप्टान से उपचारित करना चाहिए. वहीं खेत में 8 से 10 ग्राम कार्बोफुरान 3 जी प्रति वर्गमीटर के मुताबिक डालना चाहिए. टमाटर के पौधे जब 5 सप्ताह बाद 10 से 15 सेंटीमीटर के हो जाए तब इन्हें खेत में बोना चाहिए.   

बीज दर

यदि आप एक एकड़ में टमाटर की खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए टमाटर के 100 ग्राम बीज की जरूरत पड़ेगी.

बुवाई का सही समय

जनवरी- टमाटर की नर्सरी नवंबर के अंत में लगाए. पौधों की बुवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह में करना चाहिए.
सितंबर- इसके लिए टमाटर की नर्सरी जुलाई के अंत में तैयार करें. पौधों की बुवाई अगस्त के अंत या सिंतबर के पहले सप्ताह में करें. 
मई- इसके लिए मार्च और अप्रैल माह में नर्सरी तैयार करें. पौधों की बुवाई अप्रैल और मई माह में करें. 

बीजोपचार

विभिन्न कीटों और मृदाजनित रोगों से बचाने के लिए बीज को 3 ग्राम थायरम या 3 ग्राम कार्बेन्डाजिम से उपचारित करें.

निराई-गुड़ाई

टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए समय-समय पर निराई गुड़ाई करना चाहिए. 

सिंचाई

यदि आपने टमाटर की फसल गर्मी के दिनों में लगाई है तो 6 से 7 दिनों के अंतर पर सिंचाई करना चाहिए. वही यदि टमाटर सर्दी में लगाए है तो सर्दियों के दिनों में 10 से 15 दिनों के अंतर पर सिंचाई करना चाहिए.  

English Summary: best time for tomato farming
Published on: 31 October 2020, 03:46 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now