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Updated on: 7 February, 2023 5:16 PM IST
लुप्त प्रजाति हुई पुनर्विकसित

केले हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद है. ये तो आप सब लोग जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि केले की खेती (Banana farming) से देश के किसान भाइयों को भी कई गुणा लाभ प्राप्त होता है. पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि केले की खेती किसानों को कुछ खास फायदा नहीं पहुंचा रही है. इसका मुख्य कारण मौसम की मार और अन्य कई तरह के कारणों को बताया जा रहा है. यह भी देखा गया है कि खतरनाक बीमारियों के चलते अब केले की कुछ प्रजाति धीरे-धीरे लुप्त हो रही है. लेकिन वैज्ञानिक लुप्त प्रजाति को पुनर्विकसित करने के लिए अपनी हर एक कोशिश में लगी हुई है. इसी कड़ी में बिहार के वैज्ञानिक भी आगे आए हैं, जिन्होंने केले की लुप्त प्रजाति को पुनर्विकसित करने का काम किया है, जो काफी समय से राज्य में अपनी पहचान को एक दम खो चुकी थी.  

चिनिया और मालभोग केला (Chiniya and Malbhog Banana)

काफी समय से राज्य में चिनिया और मालभोग केला लुप्त हो चुका था. वहीं अब बिहार के वैज्ञानिकों ने इसे दोबारा खोल निकाला है. दरअसल, यह केला खाने में टेस्टी और कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है. लोग भी इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस केले की खेती (Banana farming) किसान राज्य में पहले 80 प्रतिशत तक करते थे. लेकिन धीरे-धीरे चिनिया और मालभोग केले ने अपनी पहचान को खो दिया. अब वहीं वैज्ञानिकों ने इस प्रजाति को पुनर्विकसित कर दिया है. ताकि लोगों को इसका सेवन करने का मौका दोबारा मिल सके.

कैसे लुप्त हुई केले की यह प्रजाति

केले की चिनिया और मालभोग प्रजाति (Banana Chiniya and Malbhog species) बिहार में ऐसे ही लुप्त नहीं हुई थी. इसके लुप्त होना का कारण पनामा बिल्ट नामक बीमारी को माना गया है. बता दें कि यह बीमारी लगभग 30 साल पहले इतने अच्छे उर्वरक मौजूद नहीं थे, जो इस खेती में लगे बीमारी को दूर कर सके. लेकिन फिर भी किसान भाइयों ने इस केले की प्रजाति को बचाने की बहुत कोशिश की. फिर भी इसका कोई फायदा नहीं हुआ. किसानों को हार कर अपने खेत में दूसरी प्रजातियों को लगाना पड़ा.

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ऐसे की वैज्ञानिकों ने प्रजाति तैयार

मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार कृषि विश्वविद्यालय (Agricultural University) ने चिनिया और मालभोग केले की प्रजाति को सबौर ने टिश्यू कल्चर की मदद से दोबारा पुनर्जन्म दिया है. इस दौरान वैज्ञानिकों ने कई परीक्षण किए. इसके बाद वैज्ञानिकों ने इस केले की किस्म का पौधा मिट्टी में लगाया. फिर इस पौधे में 13 से 15 महीने के बाद फल आना शुरू हो गए.

English Summary: Banana Farming: Scientists have redeveloped the extinct species of banana, now farmers will earn millions
Published on: 07 February 2023, 05:23 PM IST

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