क्या कभी आपने झोली भरने वाली खेती के बारे में सुना है? प्लास्टिक का अधिक उपयोग हमारे पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित हो रहा है. इसके चलते सरकार राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) के तहत बांस की खेती (Bamboo Farming) और उसके कारोबार को काफी बढ़ावा दे रही है. यदि आप भी यह कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो सरकार की तरफ से भारी अनुदान का लाभ उठा सकते हैं.
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बांस मिशन (Prime Minister's National Bamboo Mission)
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बांस योजना (PM National Bamboo Mission) की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा की गई है. जैसा कि आप जानते हैं, भारत में प्लास्टिक को रोकने के लिए सरकार ने प्लास्टिक को भी बंद (Plastic Free India) कर दिया है. लेकिन लोगों को इसकी आवश्यकता है जिसके कारण अभी भी प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है.
ऐसे में सरकार ने प्लास्टिक के इस्तेमाल (Use of Plastic) को कम करने या इसको पूरी तरह खत्म करने के लिए बांस की खेती (Bans Ki Kheti) को बढ़ावा दिया है. बांस से बहुत सारी सामग्री को बना सकते हैं जिसका उपयोग प्लास्टिक सामग्री के स्थान पर किया जा सकता है.
राष्ट्रीय बांस मिशन की क्यों है आवश्यक (Why is the National Bamboo Mission necessary)
अब अगर आप भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत लाभ लेना चाहते हैं या राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) से जुड़ना चाहते हैं तो हम आपको इसकी जानकारी भी देने जा रहे हैं.
अगर आप इस मिशन से जुड़ना चाहते हैं और एक अच्छा बिजनेस सेटअप (New Business Setup) शुरू करना चाहते हैं तो यह मिशन आप लोगों के लिए बहुत अच्छा हो सकता है, क्योंकि यही एक तरीका है जिससे प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम किया जा सकता है और इसके कारण प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा सकता है. सरकार द्वारा बांस की खेती और व्यवसाय (Bamboo cultivation and business) को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में एक अधिकारी को तैनात किया गया है. बता दें कि बंबू मिशन कृषि, वन और उद्योग विभाग को सौंपा गया है.
राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत सब्सिडी (Subsidy under National Bamboo Mission)
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राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत किसानों को अलग-अलग तरह से सब्सिडी (Subsidy on bamboo farming) देने का प्रावधान किया गया है.
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राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) के तहत एक आंकड़े के अनुसार 3 साल में प्रति पौधे की औसत लागत ₹240 होगी जिसके तहत सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी के रूप में ₹120 प्रति पौधा दिया जाएगा.
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उत्तर पूर्व के अलावा अन्य क्षेत्रों में बांस की खेती के लिए सरकार 50 प्रतिशत और किसान को 50 प्रतिशत का भुगतान करना होगा.
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किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जिसमें से 60 प्रतिशत सब्सिडी केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकार देगी. जबकि उत्तर पूर्व क्षेत्रों के लिए यह राशि 60% सरकारी और 40% किसान होगी.
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नॉर्थ ईस्ट के किसानों को मिलने वाली 60 फीसदी सब्सिडी में से 90 फीसदी सब्सिडी केंद्र सरकार और 10 फीसदी राज्य सरकार देगी.
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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत हर जिले में नोडल अधिकारी बनाया गया है. आप अपने नोडल (Nodal) अधिकारी से भी योजना से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
बांस से स्वदेशी बनेगा भारत (India will be made indigenous from bamboo)
प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने के लिए बांस से बनी इन चीजों का उपयोग भी बढ़ रहा है. लोग इसे पसंद करने लगे हैं. ऐसे में नेशनल बैंबू मिशन मे डील से जुड़ना आपके लिए फायदे का सौदा है. वर्तमान में चीन और वियतनाम में सबसे अधिक बांस की खेती की जा रही है. लेकिन भारत सरकार के राष्ट्रीय बांस मिशन के आने से भविष्य में भारत में बांस की खेती में बढ़ोतरी आ सकती है. जिससे सभी उत्पाद देश में ही बनकर देश में भी बेचे जा सकेंगे.
बांस की खेती से करें जबरदस्त कमाई (Make tremendous income from bamboo cultivation)
ऐसे में अब तक आपको पता चल ही गया होगा कि आने वाले समय में बांस की कितनी मांग होने वाली है, तो इसमें आपकी कमाई का अच्छा मौका है. अगर बात करें तो एक हेक्टेयर में करीब 15 से 2500 बांस के पौधे लगाए जा सकते हैं. एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी करीब 2.5 मीटर रखनी पड़ती है. इसके अनुसार एक हेक्टेयर में करीब 1500 पौधे लगाए जा सकते हैं.
40 साल तक कमाएं बांस की खेती से पैसा (Earn money from bamboo cultivation for 40 years)
एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी 2.5 मीटर है. इस दूरी में आप अन्य फसलें उगा सकते हैं और इससे कमाई की जा सकती है. इसके मुताबिक अगर प्रॉफिट की बात करें तो 3 साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपये की कमाई बहुत आसान हो जाएगी और आपने जो अतिरिक्त पौधे लगाए हैं उनसे भी आप कमाई कर सकते हैं. बांस की खेती (Bamboo Farming) में सबसे बड़ी बात यह है कि हर साल वृक्षारोपण नहीं करना पड़ता है क्योंकि बांस की खेती लगभग 40 वर्षों तक चलती है.
बांस का उपयोग कैसे करें (How to use bamboo)
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आप लोग भली-भांति जानते हैं कि हमारे दैनिक जीवन में बांस का कितना उपयोग होता है.
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आजकल बांस से पानी की बोतलों से लेकर फर्नीचर भी बनाया जा रहा हैं.
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इसके साथ ही ये हस्तशिल्प की वस्तुओं से लेकर आभूषण बनाने के काम भी आता है.
राष्ट्रीय बांस मिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें (How to Apply Online for National Bamboo Mission)
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सबसे पहले आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट nbm.nic.in पर जाना होगा, वेबसाइट पर जाने के लिए यहां क्लिक करें.
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वेबसाइट पर जाते ही आपको सबसे ऊपर किसान पंजीकरण का लिंक दिखाई देगा.
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आपको किसान पंजीकरण के लिंक पर क्लिक करना है. क्लिक करते ही आपके सामने रजिस्ट्रेशन का पेज खुल जाएगा जैसा कि नीचे दिखाया गया है.
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रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आपको अपनी जानकारी डालनी है, सबसे पहले अपना राज्य चुनना है, फिर अपने जिले का चयन करना है, और तहसील का चयन करने के बाद आपको अपने गांव का चयन करना होगा.
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अब आपको वित्तीय वर्ष की जानकारी दर्ज करनी है, किसान का नाम दर्ज करना है और कुछ जानकारी दर्ज करनी है.
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आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक्ड का एक विकल्प दिखाई देगा, अगर आपका बैंक खाता आपके आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है तो आप इसे ठीक करके सबमिट कर देंगे.
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फॉर्म जमा करने के बाद आपका पंजीकरण राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत हो गया है और अधिक जानकारी के लिए आप संबंधित अधिकारी या नोडल अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं.