Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 6 June, 2022 5:26 PM IST
Assam red rice

भारत एक खेती किसानी करने वाला देश है यहाँ के किसानों के द्वारा गेहूं से लेकर गन्ना तक और धान से लेकर ज्वार तक सब कुछ उगाया जाता है और साथ ही दुनिया के तमाम देशों को निर्यात कर वहां के लोगों का पेट भरने का काम करता है. भारत में अगर सिर्फ धान की बात की जाये तो इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है और यहाँ की 15 चावल की किस्मों को तो जीआई टैग भी मिल चुका है.

जिसके चलते भारत में पैदा होने वाले धान की मांग पूरे विश्व में हमेशा बनी रहती है. इन्हीं पॉपुलर किस्मों में से एक है आसाम का लाल चावल. यह ब्रह्मपुत्र वैली में उगाया जाता है और इसकी खास बात ये है कि पूरी तरीके से केमिकल मुक्त है. आज के इस लेख में बात करेंगे लाल चावाल और उसकी विशेषताओं के बारे में.

ये भी पढ़ें: Paddy crop:धान छोड़ मक्का और सब्जियां उगाने पर सब्सिडी दे रही है सरकार,800 किसानों ने किया आवेदन.

लाल चावल की क्या है ख़ासियत

असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में उगाए जाने वाले इस चावल को 'बाओ-धान' कहा जाता है. यह पूरी तरीके से  बिना केमिकल फ़र्टिलाइज़र के उगाया जाता है और असम के फूड कल्चर में अनिवार्य रूप से इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसकी ख़ासियत की अगर बात करें तो इसमें आयरन की मात्र भरपूर होती है. जोकि हमारे सेहत के लिए जरुरी है.

अमेरिका में भी है इसकी मांग

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के द्वारा दी गयी एक जानकारी के अनुसार मार्च, 2021 में असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में पैदा होने वाले रेड राइस को अमेरिका एक्सपोर्ट किया गया था. जिसे हरियाणा में उगाया गया था. अमेरिका में इस चावल का उपयोग करने के बाद वहां की सरकार द्वारा काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी गयी.

किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होगा

रेड राइस एक्सपोर्ट पर एपीडा (APEDA) अध्यक्ष डॉ एम अंगमुथु ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'लाल चावल' का निर्यात बढ़ने पर किसानों की आय बढ़ेगी. क्योंकि रेड राइस की मार्केट में डिमांड बहुत अच्छी है. और साथ ही अंगमुथु ने उम्मीद जताते हुए यह भी कहा कि रेड राइस की बिक्री बढ़ने से ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले मैदानी इलाकों के किसान परिवारों की आय में बढ़ोत्तरी होगी.

English Summary: assam red rice demands in world market.
Published on: 06 June 2022, 05:36 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now