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Updated on: 15 July, 2019 10:38 AM IST

आज के समय में एलोवेरा की खेती, मुनाफा कमाने का सबसे अच्छा विकल्प है. इस खेती की मांग समय के  साथ बढ़ती जा रही है. क्योंकि एलोवेरा से बने हर्बल प्रोडक्ट्स और दवाइयों की मांग देश के साथ विदेशों में भी बहुत अधिक है. एलोवेरा को विज्ञान में भी काफी महत्वपूर्ण पौधा माना जाता है. क्योंकि ये कई बीमारियों को खत्म करने में में रामबाण औषधि की तरह काम करता है. एलोवेरा में कई प्रकार के गुण शामिल होते है जैसे- विटामिन और खनिजों के साथ इसमें एंटीबायोटिक और एंटीफंगल तत्व भी मौजूद होते हैं. अगर हम इसके बारे गूगल पर भी सर्च करे तो एलोवेरा शब्द काफी ज्यादा ट्रेंड पर है. 

एलोवेरा की खेती गर्म मौसम और शुष्क क्षेत्र में जहां कम बारिश हो ऐसी जगह पर की जाती है. इस खेती में उत्पादन की लागत भी बहुत कम है। ऐसे में  एलोवेरा खेती करने वालों किसान को अच्छा लाभ भी प्राप्त होता है.

इसकी खेती अगर आप जुलाई-अगस्त माह में करते है तो उपज अच्छी होगी. इसकी नाली या फिर डोली बनाते समय तकरीबन 40 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए. इसके लिए सूखाग्रस्त क्षेत्र और कम पानी के ठहराव वाली मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है. इसकी खेती के लिए आपको सबसे पहले जमीन की जुताई करनी होती. अगर आप ज़मीन की उर्वरता बढ़ाना चाहते है तो आप खेतों में करीब 18 से 20 टन तक सड़े गोबर की खाद डालें. आप इसकी खेती दोमट मिट्टी या फिर रेतीली मिट्टी में भी कर सकते है.

एलोवेरा, राइजोम कटिंग व छोटे पौधे से बढ़ाया जाता है. इसको बढ़ाने के लिए जमीन के नीचे राइजोम को खोदा जाता है. फिर इन राइजोम को 5 -5  सेंटीमीटर तक कटाई की जाती है, जिसमें कम से कम 2  से 3  गांठें होती है.  जब ये अंकुरित हो जाता है तो इसे बेड या किसी कंटेनर में लगा दिया जाता है. फिर छोटे पौधे को मूल पौधे से अलग करके करीब 45 सेंटीमीटर दूर लगा दिया जाता है.

English Summary: Aloevera cultivation will start this month, it will get great profits
Published on: 15 July 2019, 10:40 AM IST

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