New Wheat Variety: गेहूं की खेती के लिए उन्नत किस्म का चयन करने से किसान ज्यादा उत्पादन और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. DBW-222 गेहूं की नई और उन्नत किस्मों में से एक है, जो पकने के लिए 142 दिन का समय लेती है. जिन क्षेत्रों का जलस्तर तेजी से घट रहा है उन क्षेत्रों के लिए यह किस्म किसी वरदान से कम नहीं है. इसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) करनाल ने विकसित किया है. गेहूं की यह नई किस्म किसानों के बीच 2019 में आई है. गेहूं की यह किस्म कम पानी में अधिक पैदावार देने वाली किस्म है.
आज हम आपको कृषि जागरण के इस आर्टिकल में गेहूं की इस नई DBW-222 उन्नत किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं.
गेहूं बुवाई का सही समय (Right time for wheat sowing)
गेहूं की इस उन्नत किस्म की बुवाई के लिए 25 अक्टूबर से 25 नवंबर तक समय काफी है. इसके बीज की मात्रा 40 किलो प्रति एकड़ लगती है. इसके पौधे की ऊंचाई 100 सेंटीमीटर तक होती है. वहीं इसका तना थोड़ा मोटा होने के कारण इसकी जड़ मिट्टी में अधिक गहराई तक जाती है.
इसलिए तेज हवा चलने पर भी इसका पौधा गिरता नहीं है. इस किस्म की खासियत है कि इसका पौधा जब आधा फीट का होता है और बालियां आने लगती है, जिससे अच्छी पैदावार होती है. रोटी बनाने के लिए इस नई किस्म को काफी अच्छा माना जा रहा है.
कम जलस्तर में अच्छी पैदावार (Good yield in low water level)
यह किस्म उन क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो रही है, जहां जलस्तर साल दर साल नीचे जा रहा है. कम पानी में भी यह किस्म अच्छी पैदावार देती है. जहां अन्य गेहूं की किस्मों में बुवाई से लेकर कटाई तक 6 सिंचाई करनी पड़ती है, वहीं इस किस्म में सिर्फ 4 सिंचाई की जरुरत होती है. इस तरह डीबीडब्ल्यू-222 किस्म 20 प्रतिशत तक पानी की बचत कर सकती हैं.
कितनी उपज देती है गेहूं की फसल (How much yield does wheat crop give)
गेहूं की यह डीबीडब्ल्यू-222 उन्नत किस्म लगभग 143 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर 65.1 क्विंटल से 82.1 क्विंटल तक पैदावार हो जाती है.