स्वीट कॉर्न (मीठा मक्का) की खेती किसानों के लिए बेहद लाभ का जरिया बन सकता है. इसके चलते उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में कृषि एवं मृदा वैज्ञानिकों ने तैयारी शुरू कर दी. बता दें कि स्वीट कॉर्न उगाना किसानों के लिए फायदे का सौदा है क्योंकि इसमें बेहद कम लागत खर्च होती है और मुनाफा तीन गुना तक मिलता है.
जिले में अध्ययन कर रहे हैं वैज्ञानिको का कहना है कि इससे जिले के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा.
स्वीट कॉर्न की खेती पर क्या कहना है वैज्ञानिकों का (What scientists have to say on the cultivation of sweet corn)
जिले में वैज्ञानिकों का दल सक्रिय हो गया है और किसानों को स्वीट कॉर्न की खेती के लिए प्रेरित कर रहा है. कृषि केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. मनोज सिंह का कहना है कि पहले जिले के किसान बारिश के मौसम में ही मक्का की खेती किया करते थे. लेकिन अब कई किसान स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की सफलतम खेती कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि जिले में यदुराज, शिवकरण पटेल, रविंद्र पांडेय और किशनलाल जैसे कुछ किसान है जो इसकी खेती से अच्छी आय कर रहे हैं. इसलिए हम बाकी किसानों को भी इसके लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. ताकि जिले में स्वीट कॉर्न की तरफ किसानों का रुझान बढ़ें.
स्वीट कॉर्न की 4 बार हो सकती है खेती (Sweet corn can be cultivated 4 times)
अधिकांश फसल सीजन में ही पैदा होती है लेकिन स्वीट कॉर्न के साथ ऐसा नहीं है. डॉ सिंह का कहना है कि स्वीट कॉर्न की खेती एक साल में तीन से चार बार ली जा सकती है.
उन्होंने बताया कि एक हेक्टेयर ज़मीन में स्वीट कॉर्न की खेती के लिए केवल 20 से 30 हज़ार रूपये का खर्च आता है. लेकिन इससे मुनाफा चार गुना अधिक मिलता है. इसकी फसल 90 दिनों में तैयार हो जाती है.