नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 6 September, 2019 5:37 PM IST

मध्य प्रदेश में खेती और किसानी में बदलाव लाने के लिए नावाचारों का दौरा जारी है. इसी क्रम में अब यहां की महिलाओं को भी जैविक खेती में काफी दक्ष बनाया जा रहा है. इन सभी महिलाओं को कृषि सखी के रूप में पहचान मिली है. साथ ही कृषि सखियों की अब देश के दूसरे राज्यों से भी मांग आने लगी है और वह प्रदेश के बाहर जाकर किसानों को जैविक खेती के गुणों को सिखाने का कार्य कर रही है. राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन स्वयं सहायता समूहों की लगभग पांच हजार महिलाओं को जैविक खेती और पशुपालन की तकनीक भी सिखाई गई है. इन्ही में से सामुदायिक स्त्रोत व्यक्ति के रूप में चिन्हित किया गया है. सामान्य भाषा में इनको कृषि सखी कहा जाता है.

अब तक 5 हजार महिलाओं को प्रशिक्षण

राज्य में इस मिशन के तहत अभी तक कुल 5 हजार महिलाओं को जैविक खेती का पूरी तरह से प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इनमें से 300 महिलाओं को यहां पर कृषि सखी के तौर पर विकसित किया जा रहा है. यही महिलाएं दूसरे राज्यों में जाकर यह महिला किसान जैविक खेती का प्रशिक्षण दे रही है. वैसे तो इन कृषि सखियों को पंजाब और हरियाणा से भी बुलवाया गया है लेकिन इस बार कृषि सखियां मध्यप्रदेश से बुलाई गई है. इस अजीविका मिशन का उद्देश्य ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाना है. इस दिशा में खेती की लागत को कम करके आमदनी बढ़ाने के मकसद से जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है.

पंजाब में दिया जा रहा प्रशिक्षण

मध्य प्रदेश की कृषि सखिया अब तक हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के अलावा पंजाब में भी किसानों को प्रशिक्षण दे चुकी है. यहां पर जुलाई और अगस्त माह में 20 कृषि सखियों ने पंजाब के कुल चार जिलों संगरूर, गुरूदासपुर, फिरोजपुर और पटियाला में किसानों को प्रशिक्षण दिया है. यहां पर कृषि सखी लक्ष्मी ताम्रकार बताती है कि जैविक खेती के लिए वे किसानों को खाद बनाने से लेकर बीज के चयन, श्रेणीकरण, फसल चक्र आदि के बारे में पूरी जानकारी को समझाती है. पंजाब में भी किसानों को उन्होंने परंपरागत साम्रगी और तकनीक के उपयोग के बारे में बताया है. इस कार्य की ग्रामीण विकास मंत्रालय भी काफी सराहना कर चुका है.

English Summary: Agricultural practices teaching organic farming techniques in the country
Published on: 06 September 2019, 05:40 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now