मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में बड़े पैमाने पर अश्वगंधा की जैविक खेती की जा रही है. हाल ही में जिले के 50 किसानों ने अश्वगंधा की जैविक खेती के लिए हिमालय ड्रग कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट किया है. दरअसल, इफ्को किसान ने जिले के अश्वगंधा की खेती करने वाले किसानों के लिए विपणन में मदद करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है. जिसके तहत जिले के किसान जैविक तरीके से अश्वगंधा की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करेंगे.
50 एकड़ में होगी अश्वगंधा की खेती
इफको किसान के कृषि प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख मोरूप नम्गेल का कहना है कि अश्वगंधा का उपयोग कई औषधीय दवाइयों में किया जाता है. इसके चलते रतलाम जिले के 50 से अधिक किसान अश्वगंधा की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करेंगे. अश्वगंधा की जैविक खेती के लिए इन किसानों ने हिमालय ड्रग कंपनी के साथ करार किया है. यह सभी किसान लगभग 50 एकड़ में अश्वगंधा की जैविक खेती करेंगे. इस फसल को खरीदने के संबंध में किसानों ने कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट किया है. बता दें कि जैविक खेती के लिए पहले शासन प्रमाणित होना जरुरी होता है तभी आप जैविक उपज ले सकते हैं.
किसानों पर रखी जाएगी निगरानी
बता दें कॉन्ट्रैक्ट के तहत खेती करने वाले किसानों को कम्पनी ने अपनी तरफ से एक मोबाइल सिम भी उपलब्ध कराया है. जिससे किसानों की रोजाना की दिनचर्या का पता लगाया जा सकें. इसके लिए किसानों के खेत में उपकरण लगाकर उपग्रहीय तकनीक के माध्यम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रयोग से किसानों की प्रत्यक्ष निगरानी और खेती में आ रही परेशानियों को जाना जाएगा. इसके लिए किसानों के खेत में आईओटी डिवाइसेज़ लगाए जाएंगे. इसकी मदद मिट्टी की जाँच, मिटटी की नमी और फसल में कीट और रोग प्रबंधन आदि सरलता से किया जा सकेगा.
500 किलो बीज उपलब्ध कराया
इन सभी किसानों को हिमालय ड्रग कंपनी ने अश्वगंधा का आर्गेनिक बीज भी उपलब्ध कराया है. इसके कंपनी ने सभी किसानों को लगभग 500 किलोग्राम बीज उपलब्ध कराया है. फसल पकने के बाद करार के मुताबिक कंपनी किसानों से फसल की खरीददारी करेगी.