GFBN Story: गन्ने और केले की स्मार्ट खेती से हिमांशु नाथ ने रचा सफलता का इतिहास, सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा! GFBN Story: लाख की खेती से मिलन सिंह विश्वकर्मा को मिली बड़ी पहचान, सालाना कमा रहे हैं भारी मुनाफा! GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 29 January, 2023 3:40 PM IST
इस तरह से खेती से मिलेगा दोगुना फायदा!

भारत में खेती को बढ़ावा देने के लिए नित नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है खासकर किसानों का परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती की तरफ ज्यादा रुझान देखा जा रहा है. ऐसी ही एक तकनीक है वर्टिकल फार्मिंग की. इस तकनीक से किसान आसानी से बेहतर सब्जियों का उत्पादन कर रहे. करनाल के इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र घरौंडा में इस तरह खेती कर नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं. उत्कृष्ट केंद्र के सेंटर इंचार्ज सुधीर यादव का दावा है कि इस तरह की खेती करने से 4 गुना प्रोडक्शन किया जा सकता है. 

सब्जियां उगाने से ज्यादा फायदा- बेल की सब्जी उगाने से ज्यादा फायदा होता है. इन सब्जियों में घिया, लौकी, टमाटर, मिर्च, बैंगन और खीरा जैसी कई सब्जियां शामिल हैं. बेल वाली तकनीक से पहले ही घीया, तोरई, करेला और खीरे की खेती की जाती थी. लेकिन, यहां वैज्ञानिकों ने नए बीज पर रिसर्च करके शिमला मिर्च, बैंगन, टमाटर को बेल वाली सब्जी में तब्दील गया. जिसकी लम्बाई 8 से 10 फीट होती है, जो पूरे भारत में पहली बार इस सेंटर पर तैयार की गई है. 

कैसे करें वर्टिकल फार्मिंग- कोकोपीट तकनीक से पौधे के लिए बेस तैयार किया जाता है. इसमें पौधे को जितने भी पोषक तत्व चाहिए, बस कोकोपीट के माध्यम से उपलब्ध कराए जाते हैं. यह पॉलीथीन की क्यारी नुमा पोर्टेबल बेस है. इसमें सब्जी को रोपित कर रस्सी या बांस के सहारे उसे ऊंचाई की ओर ले जाया जाता है. इस तरह से न जमीन की जरूरत होती है और न मिट्टी की. यह बहुत ही आसान तकनीक है. थोड़े से प्रशिक्षण से किसान आसानी से अपने खेत में इस तकनीक से सब्जी की खेती कर सकता है. 

पोषक तत्वों की कमी होती दूर- बता दें जमीन में पोषक तत्व तेजी से कम हो रहे हैं. कई जगह पर तो खराब जमीन को ठीन करना मुश्किल है. इस तरह के इलाकों में यह तकनीक वरदान से कम नहीं है. निश्चित ही इस तकनीक से जहां किसानों को लाभ होगा, वहीं सब्जी खाने वालों को अच्छी गुणवत्ता के साथ पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी मिलेगी. कोकोपीट में हर पोषक तत्व देने का एक निश्चित फॉर्मूला है. इसलिए पौधे को इतना ही खाद, पानी और दवा दी जाती है, जो हमारे स्वास्थ्य के अनुकूल हो.

ये भी पढे़ंः हवा में आलू उगाने पर मिलेगी 5 गुना ज्यादा पैदावार, जानिए क्या है इसकी तकनीक?

खर्च ज्यादा पर उत्पादन 4 गुना- सेंटर इंचार्ज सुधीर यादव ने बताया कि थोड़ा खर्च ज्यादा है, लेकिन उत्पादन भी 4 गुना अधिक है. इससे भी बड़ी बात यह है कि यह संरक्षित खेती है. इससे अगली फसल कर किसान बाजार से सब्जी का अच्छा खासा भाव ले सकता है. इस तरह से खर्च और आमदनी की तुलना की जाए तो फायदा ही होता है. इस विधि से तैयार की गई सब्जी बहुत हद तक केमिकल रहित और पोषक तत्वों से भरपूर होती है.

English Summary: 4 times more profit from farming this technique! Know the technique
Published on: 29 January 2023, 03:47 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now