GFBN Story: कैसे लखन यादव ने बांस और प्राकृतिक खेती से खड़ा किया 2 करोड़ का एग्रो-बिजनेस Solar Subsidy: किसानों को सोलर पंप पर 90% अनुदान देगी राज्य सरकार, मिलेगी बिजली और डीजल खर्च से राहत GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 4 October, 2021 6:18 AM IST
Gram Varieties

अगर आप खेती बाड़ी का कार्य करते हैं, अपने खेत में अच्छी फसल की पैदावार के साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी कमाना भी चाहते हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख में चने की उन्नत किस्मों (Improved Vrieties) के बारे में बताने जा रहे हैं,  जिससे आपको अधिक पैदावार के साथ अच्छी और पोषक से भरपूर फसल प्राप्त होगी

दरअसल,  हाल ही में कृषि अनुशंधान के वैज्ञानिकों ने 35 नयी किस्मों को विकसित किया है जो जलवायु परिवर्तन और कुपोषण को कम करने में मदद करने में साबित होंगी. इन्ही में से एक है चिक पि (chick pea) फसल है, जिसे सरल भाषा में चना कहा जाता है. चना को दो उपप्रकार में विभाजित किया गया है पहला बंगाल चना (काला चना) और दूसरा काबुली चना (छोला).

चना भारत की सबसे महत्वपूर्ण दलहनी फसलों में से एक है. चना पोषक गुणों से भरपूर होता है. इसमें 11 ग्राम पानी,  21.1 ग्राम प्रोटीन, 4.5 ग्रा. वसा, 61.5 ग्रा. कार्बोहाइड्रेट, 149 मिग्रा. कैल्सियम, 7.2 मिग्रा. लोहा, 0.14 मिग्रा. राइबोफ्लेविन तथा 2.3 मिग्रा नियासिन पाया जाता है. चने का प्रयोग दाल, बेसन, सब्जी आदि में किया जाता है

भारत में चने की खेती (Gram cultivation)  मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान तथा बिहार में की जाती है. बता दें भारतीय अनुसंधान द्वारा विकसित की गई चने की किस्में पूसा चना 4005 एवं आईपीसीएमबी 19-3 हैं, तो आइये जानते हैं इन किस्मों की खासियत के बारे में –

पूसा चना 4005 (Pusa Chana 4005)

मार्क असिस्टेड सिलेक्शन के माध्यम से विकसित चना की यह किसम सूखा सहिष्णु और उच्च उपज देने वाली किस्म है

आईपीसीएमबी 19-3 (IPCMB 19-3)

चने की यह किस्म मार्क असिस्टेड सिलेक्शन के माध्यम से विकसित एक फ्यूजेरियम विल्ट प्रतिरोधी उच्च प्रोटीन (22.9%) किस्में है.

चने की इन किस्मों से किसानों को अच्छी अच्छी फसल के साथ अच्छी पैदावार भी प्राप्त होगी. चने की इन किस्मों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है,  इसके साथ ही चने की पत्तियों में मेलिक व आक्जेलिक अम्ल पाया जाता है, जिस वजह से यह स्वाद में हल्के खट्टे होते हैं. वहीं, यह पेट से सम्बंधित बीमारियों और रक्त शुद्धिकरण में सहायक होता है

English Summary: 2 improved varieties of gram which will give bumper yield
Published on: 04 October 2021, 06:52 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now