Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 14 December, 2020 2:51 PM IST
Coconut Farming

मध्य प्रदेश के जबलपुर के लम्हेटाघाट के एक किसान ने नारियल की खेती करके सबको हैरान कर दिया है. दरअसल, आमतौर पर नारियल की खेती दक्षिण भारत की जलवायु में होती है. लेकिन प्रोग्रेसिव फार्मर अनिल पचैरी जबलपुर में नर्मदा किनारे नारियल की खेती मालामाल हो गए हैं. तो आइए जानते हैं अनिल की सफलता की कहानी.

केरल में नारियल किसानों के बीच रहे

अनिल ने नारियल की खेती करने के गुर सीखने के लिए दक्षिण भारत का रूख किया. उन्होंने हैदराबाद और केरल में रहकर यहां के नारियल किसानों से इसकी खेती की बारीकियां सीखी. इसके बाद उन्होंने अपने क्षेत्र के कृषि वैज्ञानिकों को नर्मदा किनारे की मिट्टी के परीक्षण के लिए भिजवाई और उनकी देखरेख में 3 साल पहले नारियल के पौधे लगाए जिनमें आज फल आने लगे हैं.

ग्रीन बेल्ट को बचाने की भी कवायद         

उन्होंने बताया कि नर्मदा किनारे के ग्रीन बेल्ट को बचाने के लिए उन्होंने नारियल की खेती शुरू की. दरअसल, लोग नदी के किनारे की जमीन बेच देते हैं जिन पर रिसोर्ट और फार्म हाउस के साथ-साथ टाउनशिप तक काटी जा रही है. कॉलोनी के काटने के बाद यहां बड़ी आबादी बस जाती और फिर नदी को गंदा करने में कसर नहीं छोड़ी जाती है. अनिल का कहना है कि इसलिए उन्होंने नारियल की खेती शुरू की ताकि क्षेत्र के अन्य किसान भी उनसे प्रेरित हो और ग्रीन बेल्ट की जगह में नारियल खेती करे जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा भी मिलें.

10 एकड़ में खेती, 1 करोड़ का टर्नओवर

अनिल ने बताया कि उन्होंने अपनी 10 एकड़ की जमीन में तीन साल पहले नारियल के 2 हजार पौधे लगाए थे. जो इस साल फल देने लगे हैं. उन्होंने नारियल के पौधे 15-15 फीट की दूरी पर लगाए थे जिनके बीच वह अन्य फसल लेते हैं. जिससे उन्हें अतिरिक्त मुनाफा मिलता है. उन्होंने बताया कि नारियल के पेड़ 12 महीने ही फल देते हैं. कच्चा नारियल बाजार में 15 से 20 रूपए नग तक थोक भाव में बिक जाता है. उनका लक्ष्य इस साल एक करोड़ के टर्न ओवर का है. 

English Summary: 1 crore turnover in coconut farming in jabalpur madhya pradesh
Published on: 14 December 2020, 02:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now