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Updated on: 22 December, 2020 12:00 AM IST
Farmer's Day Special

23 दिसंबर को भारत देश के पांचवें प्रधानमंत्री किसान नेता श्री चौधरी चरण सिंह जी की जन्मतिथि है और चौधरी चरण सिंह जी की जन्म तिथि के कारण ही इस दिन को किसान दिवस के नाम से जाना जाता है क्योंकि इनको पूर्व प्रधानमंत्री से ज्यादा किसान हितैषी नेता के नाम से जाना जाता है, इसी कारण भारत सरकार ने 2001 में किसान हितैषी काम एवं इनकी मेहनत को देखकर इनके जन्मदिवस को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया.

भगवान के बाद इस धरती पर कोई विधाता है तो वह किसान हैं क्योंकि भगवान ने पांच तत्वों से हमारे शरीर का निर्माण किया है ठीक इसी प्रकार किसान भी भूमि,गगन ,वायु, ताप और जल से मिलाकर फसलों का पैदा करता है एवं संपूर्ण लोगों का पेट भरने का कार्य करता है. चौधरी चरण सिंह जी ने अपनी जिंदगी में एवं प्रधानमंत्री काल में किसानों के लिए अभूतपूर्व विकास में काफी प्रयास किया और इनकी मेहनत के बदौलत 1952 में जमीदारी उन्मूलन विधायक पारित किया गया.

चौधरी चरण सिंह जी का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ जिले में किसान परिवार में हुआ है इसलिए उत्तर प्रदेश में किसान दिवस के दिन सरकारी अवकाश किया जाता है. देश के किसानों को उनके काम के लिए सम्मानित करने  हेतु हर साल 1 दिन किसानों के नाम किया गया. कृषि क्षेत्र में सराहनीय काम करने वाले किसान, प्रगतिशील किसान, किसान हितैषी समूह एवं किसान नेता को सम्मानित करने का यह पर्व संपूर्ण हिंदुस्तान में मनाया जाता है. किसानों के सम्मान में प्रगतिशील किसान, वर्कशॉप, सेमिनार समारोह, प्रतियोगिता के माध्यम से किसानों का जागरूक करना और आने वाली परेशानियों का सामना करने हेतु सुझाव देते हैं एवं विभिन्न वैज्ञानिकों एवं किसानों का सीधा संवाद होता है जिसमें नई योजना एवं वर्तमान में किसानों को होने वाली समस्या का निवारण किया जाता है.

साथियों 21 वी सदी के डिजिटल क्रांति के युग में यही अन्नदाता किसान अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरी करने हेतु संघर्ष कर रहा है, क्योंकि कहीं ना कहीं हमारी नीतियां किसानों को देश की मुख्यधारा में शामिल होने से विफल कर रही है. इस वर्ष 2020 में किसान दिवस को किसी की काली नजर लग गई है, क्योंकि देश का पेट भरने वाला किसान पिछले 20 दिनों से कड़कड़ाती ठंड होने के बावजूद दिल्ली में सरकार से बातचीत करने को बैठा है लेकिन सरकार उनकी बात को नहीं सुन रही है एवं पिछले कई सालों से किसानों की मांग आ रही है कि स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू हो लेकिन इस पर अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया है.

हे विधाता इस अन्नदाता की बातों को सरकार तक पहुंचाओ, क्योंकि आज देश के किसानों की स्थिति दयनीय है. अपने खेत की मिट्टी में खुशियों के बीज लगाकर अपने खून पसीने से सींच कर उत्पादन पैदा करता है और सारे लोगों का पेट भरने के बावजूद खुद के परिवार का पेट भरने में कहीं ना कहीं कमजोर पड़ जाता है और इसी का परिणाम स्वरूप आए दिन अन्नदाता फंदे पर झूलते हुए नजर आते हैं. किसान दिवस के दिन अर्थात मात्र 1 दिन किसान हितैषी सोच रख कर नहीं बल्कि हमेशा जागरूक बनकर देश की रीढ़ की हड्डी (कृषि क्षेत्र) को विकसित करना होगा.

हम सभी अपने विकास के लिए एक दूसरे पर निर्भर हैं परंतु इस निर्भरता की शुरुआत धरातल पर अन्नदाता किसान से ही होती है. देश के किसानों की आंखों में दोगुना आय का सपना तो है परंतु किसान के पास जागरूकता, नई योजना, सुविधा की पहुंच की कमी है जिस कारण देश के किसानों को अपने सपने साकार करने में बाधाएं आ रही है. इसी बाधा को दूर करने के लिए कृषि जागरण किसानों को जागरूक करने हेतु पिछले कई वर्षों से कार्य करता आया है.

नई-नई योजना, प्रगतिशील किसानों की सफलता की कहानी एवं सरकारी सुविधाओं को सीधा किसानों के पास पहुंचा कर कृषि जागरण परिवार किसान हितैषी कार्य कर रहा है जो कि सराहनीय है. किसान संपूर्ण देश की नीवं है जब इस नीवं पर संकट आता है तो देश की आधारशिला में कंपन आता है जो कि अर्थव्यवस्था को गिरा सकता है इसलिए इस किसान दिवस पर अपने स्वार्थ को छोड़कर किसान हितैषी नई नई योजनाएं और किसानों की पुरानी मांगे  स्वामीनाथन रिपोर्ट पर ध्यान केंद्रित कर किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए.अगर देश का अन्नदाता किसान  खुशहाल रहेगा तो ही देश में खुशहाली आ सकती है.....
‘जय जवान, जय किसान’

लेखक: लोकेश s/o गिरधारीनाथ सिद्ध
कृषि स्नातक
8112234673
नोखा, बीकानेर, राजस्थान

English Summary: Farmer's Day Special: Condition and direction of farmers
Published on: 08 February 2021, 05:30 IST

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