“प्रशिक्षित किसान, सम्रद्ध किसान” की अपनी सोच को आगे बढ़ाते हुए, विलोवुड क्रॉप साइंसेस के द्वारा मटर की फसल को ध्यान में रखते हुए एक “क्रॉप सेमीनार” का आयोजन किया गया. क्रॉप सेमीनार का आयोजन जबलपुर के पं. दीनदयाल दयाल चौक पर स्थित केशरवानी होटल में किया गया जिसमे जबलपुर के आसपास के क्षेत्रों से मटर की खेती करने वाले प्रगतिशील एवं जागरूक किसानों को आमंत्रित किया गया . इस तरह के क्रॉप सेमीनार का आयोजन किसी फसल बिशेष को लेकर किया जाता है जिसमे चुनी गई फसल के प्रबंधन की संपूर्ण वैज्ञानिक जानकारी किसानों को दी जाती है ताकि उस प्रमुख फसल से कम लागत में अधिक से अधिक एवं उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सके.
मटर जबलपुर एवं उसके आसपास के क्षेत्र में उगाई जाने वाली एक प्रमुख फसल है एवं क्षेत्र के बड़े एवं प्रगतिशील किसानो के द्वारा मटर की खेती एक बड़ी लागत के साथ की जाती है . प्रायः यह देखा गया है की मटर की खेती में उचित वैज्ञानिक प्रबंधन के अभाव में कई बार उत्पादन कम रह जाता है एवं ऐसा भी कई बार होता है की कीट एवं बीमारी के रोकथाम में खर्चा इतना ज्यादा हो जाता है की फसल से कोई लाभ प्राप्त नहीं होता . क्रॉप सेमिनार की शुरुआत में, विलोवूड के जोनल मैनेजर दिनेश शर्मा ने कम्पनी का विस्तृत परिचय देते हुए बताया गया कि, “विलोवुड एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसके उत्पाद भारत के अतिरिक्त 50 से अधिक देशों में उपयोग किये जाते है एवं कंपनी के पास एशिया का सबसे उच्च तकनीक से सुसज्जित शोध केंद्र भारत में उपस्थित है .
क्रॉप सेमीनार में विलोवुड से आये कृषि तकनीकी विशेषज्ञ एवं डीजीएम मार्केटिंग, विवेक रस्तोगी ने मटर के कुशल वैज्ञानिक प्रबंधन के बारे में विशेष जानकारी किसानों के साथ साझा की . उन्होंने इस बात पर जोर दिया की मटर की खेती को फायदे का सौदा कैसे बनाया जाये . उन्होंने खेत की तैयारी से लेकर, बीज के चयन, बीजोपचार, बुवाई, सिंचाई प्रबंधन, खादों के सतुलित प्रयोग, कम लगात में कीटों व बीमारियों का सफल नियंत्रण एवं गुणवत्ता युक्त फसल वृद्धि कारकों के प्रयोग पर विस्तृत रूप से चर्चा की . रस्तोगी ने बताया कि “ब्रांड दानेदार” एक नेचुरल स्टेरॉल केमिस्ट्री पर आधारित उत्पाद है जिसमें उपस्थित स्टिग्मा-स्टेरॉल व केम्पेस्ट्रोल पौधे में जैव-रासायनिक क्रियाओं को उद्दीप्त कर पौधे के सम्पूर्ण विकास में सहयोग करता है . यह मृदा अनुकूलक है जो मृदा सुधार के लिए अत्यंत उपयोगी है तथा तत्वों के अवशोषण में सहायता करता है. ब्रांड दानेदार की 4 किलो मात्रा एक एकड़ फसल के लिय पर्याप्त है .
आगे जानकारी देते हुए रस्तोगी ने बताया कि विलोवुड के पास एक अति बिशेष नैनो तकनीकी पर आधारित, आठवीं पीढ़ी का पौध वृद्धि उत्पाद “विलबांड” है जो फूल व फलों में अत्यधिक वृद्धि कर उत्पादन में भारी वृद्धि करता है साथ साथ उत्पाद की गुणवत्ता को भी उत्तम बनता है जिससे उसका बाज़ार में अच्छा भाव मिलता है . विलबांड पौधे में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है तथा तापमान, नमी व सूखे जैसी विपरीत परिस्थितियों में तनाव कम कर जैव-रासायनिक क्रियाओं को नियंत्रण करता है तथा फूलों को झड़ने से भी रोकता है . क्रॉप सेमीनार में मटर में लगने वाले कीट व रोगों पर भी फिल्म के माध्यम से विस्तृत चर्चा की गयी . श्री रस्तोगी ने बताया, कीट नियंत्रण के लिए टेकनोक्स, इमेक्टो, विलजोश तथा रोग नियंत्रण के लिए वेलेक्स्ट्रा, विलतेज़, थीम, आदि विलोवुड के अच्छे उत्पाद हैं जिनका सही समय, सही मात्रा व सही तकनीक से प्रयोग करने से किसान उचित लाभ कमा सकतें है .
सेमीनार के अंत में किसानों के विभिन्न सवालों को उत्तरित कर उनकी समस्याओं का समाधान किया गया . एक सवाल का उत्तर देते हुए विलोवुड के सीनियर एरिया मेनेजर कोमल सनोदिया ने बताया कि कुछ कारणों से कीटनाशकों की क्षमता का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता जिसके कारण उनकी कार्य क्षमता प्रभावित होती है . उन्होंने बताया की कीटनाशक के साथ 0.5 मिली प्रति लीटर की दर से “विलिकान” को मिलाने से कीटनाशकों का असर बढाया जा सकता है. आयोजन का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन से किया गया. दीप प्रज्ज्वलन के समय विवेक रस्तोगी (डीजीएम मार्केटिंग, विलोवुड), दिनेश शर्मा (जोनल मेनेजर), कोमल सनोदिया (सीनियर एरिया मेनेजर) व विलोवुड के क्षेत्रीय वितरक रामदास विष्णु कुमार चौरसिया सहपुरा, जटाशंकर ट्रेडर्स सेहसन, जैन एग्रो ट्रेडर्स पाटन, सार्थक कृषि केंद्र जबलपुर ,पटेल फर्टिलाइज़र्स बेलखाड़ू एवं अनुराधा ट्रेडर्स पिपरिया उपस्थित रहे . क्रॉप सेमीनार का संचालन क्षेत्रीय विकास प्रबंधक अभिषेक शर्मा ने किया . अंत में अभिषेक शर्मा ने क्रॉप सेमीनार में पधारे सभी कृषक बंधुओं का आभार व्यक्त किया .