GFBN Story: गन्ने और केले की स्मार्ट खेती से हिमांशु नाथ ने रचा सफलता का इतिहास, सालाना टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा! GFBN Story: लाख की खेती से मिलन सिंह विश्वकर्मा को मिली बड़ी पहचान, सालाना कमा रहे हैं भारी मुनाफा! GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 17 January, 2020 6:27 PM IST

भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां पर अलग-अलग सीजन में अलग-अलग फसलों की खेती की जाती है. यहां पर प्रमुख रूप से तीन सीज़न में खेती की जाती है, जिनमें रबी, खरीफ़ और जायद शमिल होती हैं. जायद की फसलों को ध्यान में रखते हुए आज राष्ट्रीय कृषि विज्ञान भवन में एक सेमिनार रखा गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किया. इसके अलावा कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला भी मौजूद रहे.

इस कार्यक्रम में जायद फसलों को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई. इसके अलावा जिलेवार योजना, जायद या  ग्रीष्मकालीन फसल, जायद की फसलों के लिए सिंचाई, उनकी क्षमता, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, फसलों की सुरक्षा के लिए रणनीतियाँ, आवारा पशु, उत्पादन बढ़ाने पर चर्चा हुई.

आपको बता दें जायद की फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएँ सहन करने की अच्छी क्षमता होती हैं. इन फसलों को उत्तर भारत में मार्च से अप्रैल तक बोई जाती हैं. इन फसलों को प्रचुर धूप के साथ लंबे दिनों और शुष्क मौसम की आवश्यकता होती है. इन्हें अंकुरण के लिए 23 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान की ज़रूरत पड़ती है, तो वहीं फलों के विकास के लिए तापमान काफी अधिक होना चाहिए. जायद की फसलों में मूंग, उर्द, चना, सूरजमुखी, मक्का, धान, हरा चारा,  साग-सब्जी, फल और हरी खाद की फसलें ली जाती हैं. 

English Summary: union agriculture minister joins zayed agriculture conference in national krishi vigyan bhawan
Published on: 17 January 2020, 06:29 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now