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Updated on: 19 August, 2019 5:07 PM IST

कद्दू, खरबूजा और तरबूज तीनों ही सब्जियां एक ही प्रजाति का हिस्सा है. कद्दू की बात करें तो इसका छिलका मोटा और चिकना होता है और इसका गूदा पीला, हरा और नारंगी से लेकर लाल रंग का हो सकता है. कददू का उपयोग सब्जी और सूप बनाने में किया जाता है. भारत के हर हिस्से में अलग-अलगस्वाद में पकने वाली कददू की सब्जी का स्वाद अपने प में बेहद ही अनूठा होता है. पेठे या कद्दू के टुकड़े को चटपटे मसालों के साथ पका कर के कुछ इस तरह से परोसा जाता है कि इस खट्टी मिठी सब्जी को खाने वाले अंगुलियां ही चाटते रह जाते है. कददू बेहद ही स्वास्थयवर्ध है इसकी सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहत के लिए फायदेमंद होती है. उन्ही सभी बातों को ध्यान में रखकर सोमानी सीड्स ने अपने कई वर्षों के लंबे अनुभव,शोध, मेहनत के बाद भारत के किसानों के लिए अलग-अलग प्रकार के हाइब्रिड कददू के प्रजाति को विकसित किया है. इनमें से सम्राट, सिद्ध और महिमा सबसे ज्यादा प्रचलन में है.

महिमा कद्दू है हिट प्रजाति

महिमा हाइब्रिड कददू की प्रजाति जो कि सोमानी सीड्स की ब्रांड हिट प्रोडक्ट है और इसकी किसानों के बीच काफी अच्छी मांग रहती है. इसको गुजरात प्रांत के उतवा गांव जो कि मेहसाणा जिले के कड़ी तहसील पर आता है पर प्रयोग करके देखा है जिसका परिणाम पूरी तरह से सफल रहा है.

यह सफल किसान उगा रहा महिमा

एक खुशहाल किसान जिनका नाम मुबारक अली शेख जो कि मेहसाणा जिले के राजपुर गांव के रहने वाले है. इन्होंने इसी साल 15 जून 2019 को हमारे सेल्स अफसर के कहने पर 15 पैकेट 50 ग्राम हाइब्रिड महिमा के बीज को अपने बटाई के 3 बीघा खेत पर लगाया था. इसके मुताबिक लगभग 90 से 95 प्रतिशत जमाव आया. चूंकि इनका परिवार विगत कई वर्षों से परंपरागत तरीके से कद्दू की खेती करता आ रहा हैइसीलिए इनको खेत को तैयार करने में कोई परेशानी नहीं आई है. खेत को तैयार करते समय दस हजार के गोबर की खाद डाली थी. जिस पर 4 हजार रूपये का खर्चा आया था. लगभग 55 दिनों में ही कददू के फल बाजार में बेचने लायक बन गई थी.

कद्दू के बीज बोया

दरअसल यह किसी भी अन्य लीडिंग कंपनी के कदूद फसल से 12 से 15 दिन पहले ही आ गई थी. इनके अन्य बिरादरी के खेत में अन्य सभी लीडिंग कदूद के बीज को बोया गया था जिसमें अब जाकर फूल आना शुरू हुआ है. इससे पहले इन्होंने 13 अगस्त को ही इसकी तुड़ाई की और तीन बीघा खेत से इन्हें 10 बिक्री योग्य कदूद मिल गया. इसे इन्होंने 28 से 30 किलो की पन्नी में पैक कर मंडी में बेच दिया.परंपरागत तरीके से पन्नियों में एक के ऊपर एक लगभग 6 से 8 फल को जमा करके पैक किया जिसका वजन 28 से 30 किलोग्राम आया है.

English Summary: Somani's glory is becoming a boon for Kaddu farmers
Published on: 19 August 2019, 05:11 PM IST

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