भारतीय ट्रैक्टर उद्योग को समर्पित ट्रैक्टर जंक्शन के पहले ITOTY Awards -2019 (इंडियन ट्रैक्टर ऑफ द ईयर अवार्ड) की लोकप्रियता के बाद अब 2020 में दूसरे ITOTY Awards का इंतजार शुरू हो गया है. ट्रैक्टर जंक्शन ने पिछले साल 3 मई 2019 को दिल्ली में भारतीय ट्रैक्टर उद्योग के लिए ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों को कवर करने के लिए इस अवार्ड समारोह का आयोजन किया था. आपको बता दें कि Escorts Powertrac Euro 50 को पहला ITOTY Awards मिला था. पहले अवार्ड शो में देश सहित विश्व की प्रतिष्ठत ट्रैक्टर कंपनियों, सैकड़ों डीलरों व हजारों की संख्या में किसानों ने भाग लिया था.
ट्रैक्टर जंक्शन के फाउंडर रजत गुप्ता के अनुसार भारत दुनिया के सबसे बड़े ट्रैक्टर उत्पादकों और बाजार के लीडरों में से एक है. भारतीय कृषि और किसानों के उत्थान के लिए जी-जान से पर्दे के पीछे काम करने वाले रचनात्मक व्यक्तियों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है. भारत में कृषि यंत्रीकरण हमेशा तेजी से बढ़ता रहा है. ऐसे में ट्रैक्टर जंक्शन इस बात को लेकर लगातार काम कर रहा है कि एक नए इको सिस्टम में तकनीक और फंक्शनलिटी को लेकर कई नई चीजों को शमिल किया जा सके. हमारा मकसद निर्माता, डीलर्स और ग्राहकों के बीच की दूरी को कम करना है.
देश में ITOTY का कॉन्सेप्ट मात्र एक साल पुराना है जबकि इंडियन कार ऑफ द ईयर ((ICOTY)) और इंडियन मोटरसाइकिल ऑफ द ईयर ((ICOTY)) पिछले 10-15 सालों से हो रहा है. ITOTY में पिछली बार की तरह इस बार भी 25 से अधिक अवार्ड केटेगरीज को शामिल किया जाएगा. इनमें Tractor of the Year 2020, New Launch of the Year 2020, Best CSR Initiative for Farmers, Best Design Tractor जैसे अवार्ड शामिल होंगे. इसमें अनुभवी जजों का पैनल होगा. इसके अलावा ग्राहक अपनी पंसद के प्रतिभागी की जीत के लिए वोटिंग भी कर सकेंगे. इस पूरी प्रक्रिया में इस बात का सख्ती से पालन किया जाएगा कि वोटिंग प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो. इस वोटिंग प्रक्रिया में कई अवार्ड कैटेगिरी में ग्राहक और जज अपना फैसला देंगे. इनमें फ्यूल की बचत, तकनीकी उन्नति, आराम, स्टाइल, सुरक्षा और परफॉर्मेंस, वैल्यू फॉरमनी, नयापन जैसे फैक्टर शामिल होंगे.
लगातार बढ़ेगा ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों से जुड़ा बाजार : रजत गुप्ता के अनुसार भारत में आबादी के एक बड़े हिस्से की आय का प्रमुख स्त्रोत खेती और उससे जुड़े अन्य क्षेत्र हैं. देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने में ट्रैक्टरों और कृषि यंत्रों का बड़ा योगदान है. देश में हर साल औसतन 7 से 8 लाख ट्रैक्टरों की बिक्री होती है. कृषि यंत्रीकरण से जुड़ी लगभग सभी कंपनियां लगातार बढ़ रही हैं. देश में 5 मिलियन ट्रैक्टर किसानों के पास हैं जो 1.5 एचपी/एचए से कम रेंज के हैं जबकि विकसित देशों में 8 से 10 एचपी/एचए के ट्रैक्टर प्रयुक्त हो रहे हैं जिससे देश में ट्रैक्टर व कृषि यंत्रीकरण के क्षेत्र में विकास की बहुत गुंजाइश है. भारत में 159.2 मिलियन हैक्टेयर के कृषि योग्य क्षेत्र में से 13 मिलियन हैक्टयेर क्षेत्र में ट्रैक्टरों की आवश्यकता होती है. ऐसे में वित्त वर्ष 2027 तक ट्रैक्टरों के बाजार में निरंतर वृद्धि की अपार संभावना है.