Success Story: चायवाला से उद्यमी बने अजय स्वामी, मासिक आमदनी 1.5 लाख रुपये तक, पढ़ें सफलता की कहानी ट्रैक्टर खरीदने से पहले किसान इन बातों का रखें ध्यान, नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान! ICAR ने विकसित की पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 की किस्म, 100 क्विंटल तक मिलेगी पैदावार IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 13 March, 2023 2:54 PM IST
एंडोमीट्रियॉसिस जागरूकता माह

13 मार्च, दिल्ली, भारत: एंडोमीट्रियॉसिस जागरूकता माह के सिलसिले में, पेशेंट एकेडमी फॉर इनोवेशन एंड रिसर्च ने बेयर के सहयोग से राजधानी दिल्ली में एंडो रन के पहले चरण का आयोजन किया गया. एंडो रन का आयोजन आम जनता को जागरूक बनाने के मकसद से किया गया है जिसके जरिए एंडोमीट्रियॉसिस से ग्रस्त महिलाओं और उनके परिवारों, हैल्थ केयर प्रदाताओं, शोधकर्ताओं तथा कार्यकर्ताओं को एकजुट किया जाएगा ताकि वे मिल-जुलकर इसके बारे में अपने सरोकारों को साझा कर सकें. एंडो रन के आयोजन के पीछे उद्देश्य इस बारे में देशभर में चर्चा को प्रेरित करना भी है. ताकि इससे प्रभावित लोगों और उनके परिजनों के लिए अधिक सपोर्ट तथा संसाधनों को उपलब्ध कराया जा सके. इस जागरूकता कैंपेन में करीब 150 से अधिक मरीजों ने हिस्सा लिया.

एंडोमीट्रियॉसिस एक साधारण, क्रोनिक, गाइनेकोलॉजिकल समस्या है जिससे दुनियाभर में 247 मिलियन और भारत में 42 मिलियन महिलाएं प्रभावित हैं. इसमें गर्भाशय की भीतरी सतह से मिलते-जुलते टिश्यू गर्भाशय2 के बाहर भी फैल जाते हैं. एंडोमीट्रियोसिस से जूझने वाली महिलाओं को क्रोनिक पेल्विस पेन (श्रोणि क्षेत्र में लंबे समय से बना रहने वाला तकलीफदेह दर्द), थकान, अवसाद और बांझपन की समस्या होती है.

Endometriosis awareness

इस कंडीशन में डायग्नोसिस प्राय: 6-10 वर्षों तक की देरी से हो पाता है, और यह प्रभावित महिलाओं की लाइफ की क्वालिटी को बुरी तरह से प्रभावित करती है. साथ ही, इसकी वजह से उनकी पढ़ाई-लिखाई और काम के क्षेत्र में भी उत्पादिकता पर असर पड़ता है, जो कि काफी हद तक सामाजिक-आर्थिक बोझ3 बन जाता है. भारत में इस बारे में क्लीनिकल जानकारी, कंडीशन की गंभीरता और संबंधित जोखिम कारकों आदि के बारे में भी सूचनाएं काफी सीमित हैं. 

डॉ रत्ना देवी, डायरेक्टर, पेशेंट एकेडमी फॉर इनोवेशन एंड रिसर्च ने कहा, ''रोग के निदान और इलाज शुरू करने में होने वाली देरी की वजह से एंडोमेट्रियॉसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाना काफी महत्वपूर्ण है. ज्यादातर महिलाएं इसकी वजह से गंभीर किस्म की तकलीफें सहने और अन्य कई लक्षणों को झेलने के लिए मजबूर होती हैं और उनकी शिकायत को या तो अनसुना कर दिया जाता है या उसे कोई तवज्जो नहीं दी जाती. ऐसे में, बेहतर डायग्नोसिस और शीघ्र इलाज शुरू करने की बेहद जरूरत है. जो महिलाएं इस पीड़ा जनक अनुभव से गुजरती हैं, उन्हें इसके बारे में आपस में बातचीत करने और एक-दूसरे को सपोर्ट करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.''

एंडोमीट्रियॉसिस जागरूकता

दीपक चोपड़ा, बिजनेस यूनिट हैड, विमेंस हेल्थ, बेयर ज़ायडस फार्मा, ने कहा, ''एंडोमीट्रियॉसिस से दुनियाभर में लाखों महिलाएं प्रभावित हैं. महिलाओं के स्वस्थ के मामले में विशेषज्ञता के चलते हम इस बारे में जागरूकता में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम PAIR के साथ भागीदारी तथा इस संबंध में पहल के लिए सपोर्ट प्रदान करते हुए खुशी महसूस कर रहे है जो कि महिलाओं की पहुंच बेहतर हेल्थकेयर सॉल्यूशंस तक सुनिश्चित करेगी. मरीजों के स्तर पर तथा मरीजों के समूहों के बीच इस बारे में जानकारी और संचार काफी महत्वपूर्ण है ताकि एंडोमेट्रियॉसिस का डायग्नोसिस जल्द से जल्द हो सके. बेयर में हम मकसद शोध एवं विकास गतिविधियों (R & D) के जरिए स्वास्थ्य के मोर्चे पर सुधार लाना और एंडोमेट्रियॉसिस समेत अन्य रोगों के लिए उपचार विकल्पों को पेश करना है.''

एंडोमीट्रियॉसिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एंडो रन का आयोजन राजधानी दिल्ली स्थित क्नॉट प्लेस में किया गया और इस अवसर पर ऑस्कयर विजेता तथा एम्बासर्क केयर फाउंडेशन की राष्ट्री य अध्यक्ष सुश्री सुमन मुख्य  अतिथि थीं. साथ ही, डॉ मधु गोयल, एसोसिएट डायरेक्ट्र – ऑब्स्टेट्रिक्सं एंड गाइनीकोलॉजी, फोर्टिस ला फेमे भी उपस्थित थीं. इस मौके पर अन्ये कई गणमान्य– डॉक्टऑरों एवं कुछ मरीज़ सहयोग समूहों ने भी एंडोमीट्रियॉसिस के बारे में अपना विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान किया.

इस अवसर पर, एक कॉफी टेबल बुक भी लॉन्च की गई जिसमें कुछ मरीज़ों की कहानियां और डायग्नोसिस के सफर के बारे में जानकारी दी गई है. इस पुस्तक के जरिए मरीजों को गाइनीकोलॉजिस्ट्स से संपर्क कर समय पर सही कदम उठाने के बारे में बताया गया है. यह पुस्तक, निश्चित रूप से महिलाओं को इस रोग के विभिन्न पहलुओं के बारे में इन महिलाओं की आपबीती के जरिए विस्तार से परिचित करवाएगी. एंडो रन के मौके पर जुबा जैसे इंटरेक्टिव सेशंस भी आयोजित किए गए ताकि महिलाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के बारे में भी प्रेरित किया जा सके.

डॉ देवी ने कहा, ''इस प्रकार के देशव्यापी अयोजनों के जरिए, हमें आशा है कि एंडोमेट्रियॉसिस जागरूकता माह के दौरान हमारे प्रयासों से इस रोग से जुड़ी शर्मिंदगी/कलंक को दूर कर इस बारे में बेहतर समझ पैदा करने में मदद मिलेगी. हम एंडोमेट्रियॉसिस से पीड़ित महिलाओं को एजुकेशन, एडवोकेसी और सपोर्ट के जरिए सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'' इस पहल के तहत, अगले चरणों में 25 मार्च को मुंबई, 26 मार्च को पुणे, 28 मार्च को हैदराबाद और 2 अप्रैल को कोलकाता में आयोजन किए जाएंगे.

English Summary: 42 million women in India suffering from endometriosis, campaign started in Delhi
Published on: 13 March 2023, 03:00 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now