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Updated on: 22 April, 2022 2:21 PM IST
MSP से अधिक मूल्य पर बिक रहा गेहूं

हरियाणा में इस बार गेहूं की खरीदी को लेकर जबरदस्त उत्साह किसानों के बीच देखा जा रहा है. इतना ही नहीं, किसानों को इसका सीधा लाभ भी मिलता नजर आ रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक, हरियाणा राज्य में किसान प्रति दिन 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद करते नजर आ रहे हैं.

वहीँ दूसरी तरफ प्रदेश के किसानों से अब तक करीब 32.91 लाख मीट्रिक टन गेहूं की एमएसपी (MSP) पर खरीद की जा चुकी है. खुशी की बात यह है कि खरीदी के बाद की प्रक्रिया यानी किसानों के खाते में करीब 2741.34 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है.

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अचानक से गेहूं की मांग में तेज़ी देखी गयी. जिसको लेकर इस बार कई राज्य सरकारें भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से ज्यादा से ज्यादा गेहूं की खरीद कर रही है. वहीँ इस बार यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार तय किए गए लक्ष्य से अधिक गेहूं की एमएसपी पर खरीद किया जाएगा, लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती, किसानों को बाजारों में गेहूं के एमएसपी से अधिक दाम मिल रहे हैं. जिस वजह से किसान अपने-अपने गेहूं के फसल को MSP पर ना बेचकर सीधा मंडी का रुख कर रहे हैं.  

हरियाणा में अब तक गेहूं की खरीदी

जानकारी के मुताबिक 1 अप्रैल 2022 से हरियाणा में गेहूं की खरीद शुरू हुई थी. तब से लेकर अब तक प्रदेश के किसानों से करीब 32.91 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है और किसानों के खाते में करीब 2741.34 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है. वहीँ MSP पर बेचे गये गेहूं का मूल्य 5594.64 करोड़ रुपए हुआ है.

एक बार फिर किसानों ने दिया गलत बैंक खता नंबर

अधिकारियों के मुताबिक, हर बार की तरह इस बार भी किसानों को MSP भुगतान करने वक़्त उन्हें कई चुनातियों का सामना करना पड़ा है. किसानों ने या तो खाता नंबर गलत दिया है या फिर कुछ किसानों ने अपना IFSC कोड ही गलत भरा है. जिस वजह से अधिकारियों को किसानों के खाते में भुगतान करने में परेशानी हो रही है. ऐसे किसानों को मोबाइल पर SMS के जरिये सूचित किया जा रहा है, जिससे वे इसे ठीक कर लें, ताकि उन्हें भुगतान संबंधी परेशानी नहीं हो. 

गेहूं उठान को लेकर व्यापारियों ने लगाया आरोप

बीते दिनों व्यापारियों ने अधिकारीयों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि मंडियों में गेहूं के उठान में देरी हो रही है, जिसको लेकर किसान परेशान है और इस कारण मंडी में गेहूं की खरीद भी धीरे चल रही है. सभी आरोपों को खंडित करते हुए अधिकारियों ने कहा है कि मंडी में पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध है. गेहूं उठान को लेकर कोई ऐसी समस्या नहीं है. 

2022-23 रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)

हर साल बजट के समान केंद्र सरकार की ओर से हर रबी और खरीफ सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों के लिए घोषित किया जाता है. केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ही सभी राज्यों में फसलों की खरीद की जाती है. इसका मुख्य कारण किसानों के साथ धोखाधड़ी ना हो और किसानों के लागत को देखते हुए उन्हें मुनाफा पहुँचाया जा सके. वर्ष 2022-23 रबी विपणन सीजन के लिए गेहूं, चना, सरसों, जौ तथा मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार केंद्र सरकार द्वारा तय किया गया है:  

  • गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2015 रुपए प्रति क्विंटल

  • चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5230 रुपए प्रति क्विंटल

  • सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5050 रुपए प्रति क्विंटल 

  • जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 1635 रुपए प्रति क्विंटल 

English Summary: Wheat being sold at prices higher than MSP, Rs 2741.34 crore reached farmers' account
Published on: 22 April 2022, 02:30 PM IST

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