सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 9 October, 2019 6:04 PM IST

दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट इंक ने भारत से अमेरिका झींगा निर्यात के लिए एक बड़ा पयालट प्रोजेक्ट को शुरू किया है. इसके तहत आंध्र प्रदेश से सीधे अमेरिका के लिए झींगा निर्यात सुनिश्चित करने के लिए एंड टू एंड श्रिम्प ट्रैसेबेलिटी परियोजना शुरू की है.

सी फूड कंपनी के पंसदीदा स्त्रोत पर मिलेगा

कंपनी ने अपनी तरफ से जारी किए गए बयान में कहा है कि आंध्र प्रदेश में पाए जाने वाले झींगे को अमेरिका में सैमस क्लब स्थानों तक पहुंचने के लिए ब्लॉकचेन की तकनीक को शुरू किया गया है. यह पायलट प्रोजेक्ट भारत में किसान से झींगा निर्यात को एक विदेशी रिटलेर तक ट्रैक करने के लिए ब्लॉकचैन का उपयोग पहली बार किया गया है. यह इलाके में सी फूड उत्पादकों को आपूर्ति श्रृखंला मजबूत करने और अपने उत्पाद में ग्राहक का विश्वास भी मजबूत करने में काफी मदद करेगा. और भारत को सी फूड के पंसदीदा स्त्रोत के रूप में बढ़ावा देने में सहयोग करेगा जबकि अमेरिका के लिए खाद्य ट्रैसेबेलिटी और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा.

भारत से अमेरिका को बड़े मात्रा में झींगा का निर्यात

वर्ष 2018 में कुल झींगा निर्यात में 46 प्रतिशत सिर्फ अमेरिका को ही किया गया था. इस हिसाब से अमेरिका भारतीय झींगे का सबसे बड़े आयातक होते है. उसने कहा कि ब्लॉकचेन एक सुरक्षित और विश्वसनीय तरीके से एक जटिल आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क में डेटा को डिजिलाइज करने और जानकारी को साझा करने का एक तरीका है. झींगा आपूर्ति श्रृंखला में ब्लॉकचेन की शुरूआत अनुपालन के उद्देश्यों के लिए की गई है. यहां पर फार्म स्तर से ट्रैसेबेलिटी को प्रदान करना और परिवहन प्रक्रिया में विस्तार करने में मदद करती है. यह झींगा के विकास और प्रसंस्करण के दौरान खाद्य सुरक्षा प्रक्रियाओं की निगरानी भी कर सकती है. देश में आज ज्यादातर मछलीपालन करने वाले किसान झींगापालन पर काफी ध्यान दे रहे है. और उनको कम तापमान में उत्पादित करने पर काफी ज्यादा जोर दे रहे है.

English Summary: This pilot project started for better export of shrimp
Published on: 09 October 2019, 06:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now