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Updated on: 4 June, 2019 3:48 PM IST

केंद्र की मोदी सरकार 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को हर महीने 1 किलो चीनी सस्ती दरों पर देने की योजना पर विचार कर रही है. वर्तमान में कुल 2.5 करोड़ परिवारों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है. दरअसल एक न्यूज एजेंसी ने इस बात की जानकारी दी है. दरअसल देश में चीनी का बढ़ता हुआ स्टॉक चीनी मिलों के साथ- साथ सरकार के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है. स्टॉक होने के कारण शुगर मिल चीनी को एसएसपी से कम दामों पर बेचने को मजबूर है. रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय के प्रस्ताव पर पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा हुई है. हालांकि फिलहाल मंत्रालय के प्रस्ताव पर कोई अंतमि फैसला नहीं हुआ है. इस अहम बैठक में मंत्रिमंडल ने मंत्रालय से प्रस्ताव पर फिर से काम करने तथा अतिरिक्त खाद्यन्न (चावल या गेंहू) के वितरण पर फिर से काम करने को बोला है.

राशन की चीनी का दायरा बढ़ने से सरकार पर बोझ पड़ेगा

फिलहाल सरकार की अंत्योदय अन्न योजना के तहत 2.5 करोड़ परिवारों को 13.5 किलो पर चीनी की आपूर्ति की जा रही है. अगर केंद्र की सरकार इस योजना में कई अन्य लोगों को भी जोड़ती है तो अतिरिक्त 16.29 करोड़ लाभार्थी परिवारों को एक किलो चीनी मिलने से सरकारी खजाने पर 4 हजार 727 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सरकार 80 करोड़ लोगो को 5 किलो अनाज हर महीने काफी सस्ती दर पर उपलब्ध करवाती है. गेहूं 2 रूपये और चावल 3 रूपये किलो दिया जाता है. फूल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के पास स्टॉक ज्यादा होने की वजह से अतिरिक्त खाद्यन्न देने पर विचार किया जा रहा है.

बफर स्टॉक बढ़ा

सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनी भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में गेहूं और चावल के भंडार पूरी तरह से अटे पड़े है. ऐसे में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सहारे ज्यादा अनाज के वितरण पर ध्यान दिया जा रहा है. कुछ भंडार खुले में रखे है. अतः एफसीआई पर मानसून शुरू होने से पहले इसके निपटान का दबाव है.एफसीआई ने थोक ग्राहकों को गेहूं बेचना शुरू किया है, लेकिन ऊंची दर के कारण कारोबारी ऐसे समय इसको खरीदने के लेकर पूरी तरह से गंभीर नहीं है, जब अनाज कम दर पर खुले बाजार में पहले से ही उपलब्ध है.

English Summary: Sugarcane will now be available at cheaper rate after wheat-rice
Published on: 04 June 2019, 04:11 PM IST

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