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Updated on: 4 June, 2019 11:34 AM IST

मध्य प्रदेश का नीमच कृषि उपज मंडी मध्य प्रदेश की टॉप 10 मंडियों में जानी जाती है. लेकिन जल्द ही नीमच की मंडी देश की पांच सर्वश्रेष्ठ मंडियों में शामिल हो जाएगी. दरअसल देश के आयुष मंत्रालय ने पांच मंडियों को विकसित करने के लिए नीमच मंडी का नाम भी चुना है. यहां पर एक औषधीय प्रयोगशाला भी बनेगी. करीब 51 करोड़ रूपए की लागत से बनी यह औषधीय मंडी डुंगलावदा चंदेरा में विकसित होगी. यह मंडी औषधीय जिंसों में प्रथम स्थान पर है जिसे विकसित करने का जिम्मा अब केंद्र सरकार ले रही है.

औषधीय जिंसों में नीमच मंडी प्रथम

कृषि उपज मंडी नीमच में 34 तरह की अलग- अलग जिंसे बिकने आती है. इसमें कालोंजी, तुलसी बीज, असालिया, सुवा, सतावरी, तारामीरा, किनेवा, फुफाडिया, अजवाइन कण, तुलसी पत्ता, चिरायता बीज,असंग बीज, डोलमी, आंवला गुठली, कोच बीज, स्टोवा, मेंहदी, पीली सरसों, अरंडी, सफेद मूसली, असंगध पुष्पी, नीम, फुफुलिया बीज, कंठीली, धमुका, शंखपुष्पी, अडुसा, हिगोरिया, गुडबेल, अमलतास और ग्वारपाठा इस तरह हर साल कृषि उपज मंडी में सर्वाधिक औषधीय जिंसे बिकने आती है. इसी कारण औषधीय जिंसों की बिक्री में नीमच मंडी सर्वाधिक औषधीय जिंसे बिकने आती है. इसी कारण औषधीय जिंसों की बिक्री के साथ आयुष मंत्रालय  नई दिल्ली ने नीमच मंडी भी शामिल है.

ज्यादा संख्या में आती हैं फसलें

नीमच की इस मंडी में औषधीय फसलें बड़ी मात्रा में आती हैं. यहां औषधीय जिंसों की आधुनिक मंडी को विकसित करने की योजना पर काम चल रही है. नीमच मंडी की प्रशासन की ओर से प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है. नीमच में हुई बैठक में फैडमैप के चैयरमैन भी इस बैठक में शामिल हुए थे. नीमच प्रशासन ने औषधीय मंडी को विकसित करने के लिए केंद्र और राज्य के अधिकारियों के साथ बैठकें भी की है ताकि इस योजना को साकार रूप दिया जा सकें.

English Summary: Neemuch to get the first modern medicinal market
Published on: 04 June 2019, 11:38 AM IST

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