रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध होने के कारण से अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगाई ने मार शुरू हो गई है. इस युद्ध की वजह से कई देशों के आयात और निर्यात पर प्रतिबंध लग गए हैं और वहीं कई बड़ी कंपनियां बंद होने के कागार पर आ चुकी है.
जिसके कारण से कई देशों में महंगाई की मार शुरू है. इस महंगाई में कच्चे तेल की कीमतें ने सबसे पहले अपने पैर पसारने शुरू कर दिए है. जब कभी भी बाजार में महंगाई बढ़ती है. तो इसका सीधा असर लोगों की जेब पर देखने पर मिलता है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ी (Petrol and diesel prices hiked)
आपको बता दें कि हाल ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भारी उछाल आने वाली हैं. जैसे ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव समाप्त होंगे. उसके बाद से ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ना शुरू हो जाएंगी. बताया जा रहा है कि यह कीमत 12 रुपए प्रति लीटर बढ़ने की उम्मीद है.
उधर, वहीं अगर हम देशभर में एलपीजी सिलेंडर और खाद्य पदार्थों की कीमतों को देखे तो इनकी कीमतों में भी कोई गिरावट आपको देखने को नहीं मिलेंगी. बल्कि यह तो आम जनता की जेब को पूरी तरह से खाली कर रही हैं.
खाने के तेल के दामों में गिरावट (Edible oil prices fall)
इन सब के बीच देश में खाने के तेल के दामों में लोगों को राहत दी है. भारतीय बाजार में सरसों और मूंगफली के तेल की कीमतों में कमी हुई हैं. लेकिन वहीं पाम तेल की कीमत आसमान छू रही हैं.
तेल की कीमतों पर एक नजर
- सरसों तिलहन - 7,775-7,800 रुपये.
- मूंगफली - 6,575 - 6,670 रुपये.
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,000 रुपये.
- मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,505 - 2,690 रुपये प्रति टिन.
- सरसों तेल दादरी- 15,850 रुपये प्रति क्विंटल.
- सरसों पक्की घानी- 2,320-2,375 रुपये प्रति टिन.
- सरसों कच्ची घानी- 2,520-2,625 रुपये प्रति टिन.
- तिल तेल मिल डिलिवरी - 17,000-18,500 रुपये.
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 17,000 रुपये.
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 16,800 रुपये.
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 16,000.
- सीपीओ एक्स-कांडला- 14,500 रुपये.
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,100 रुपये.
- पामोलिन आरबीडी (दिल्ली)- 16,200 रुपये.
- पामोलिन एक्स- कांडला- 15,000 रुपये (बिना जीएसटी के).
- सोयाबीन दाना 7,700-7,750 रुपये.
- सोयाबीन लूज 7,400-7,500 रुपये.
- मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये.