Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 23 January, 2021 12:58 PM IST

भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह की मिठाईयां प्रसिद्ध है. यहां बनने वाली बहुत सी मिठाईयों की मांग तो विदेशों में भी खूब है. यही कारण है कि हर साल बड़ी मात्रा में भारत से विदेशों को मिठाईयों का निर्यात होता है. भारत सरकार भी इनके निर्यात को बढ़ाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाती रहती है. इसी क्रम में अब जॉयनगरर मोआ को विश्व के अलग-अलग देशों में पहुंचाने का निर्णय हुआ है.

दुर्लभ चावल से बनती है मिठाई

बता दें कि जॉयनगरर मोआ पश्चिम बंगाल की एक प्रसिद्ध मिठाई है, जिसे दुर्लभ किस्म के कड़ा चावल (कनकचुरहोई) से बनाया जाता है. इसमें मिठास लाने के लिए खजूर के रस का उपयोग किया जाता है. इसे मुख्य तौर पर शीतकालीन व्यंजन के रूप में जाना जाता है, जो केवल केवल सर्दियों के मौसम में उपलब्ध होता है.

2015 में मिला था जीआई टैग

हालांकि इस मिठाई को 2015 में जीआई टैग (बहु-प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेत टैग) मिल गया था, लेकिन उसके बाद भी इसे विश्व में उस तरह की पहचान नहीं मिल रही थी. जिसके बाद कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण को खुद इसके लिए आगे आना पड़ा.

अन्य मिठाईयों को भी मिल सकता है बढ़ावा

इस बारे में संस्थान प्रमुख संदीप साहा ने मीडिया को बताया कि “पश्चिम बंगाल बहुत सी मिठाईयों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यहां का रोसोगुल्ला तो घर-घर में चाव से खाया ही जाता है, लेकिन कुछ स्पेशल टाइम में बनने वाली मिठाईयों की मांग भी बहुत अच्छी है, जो मुख्य तौर पर यहीं बनाई जाती है.” उन्होंने कहा कि सरकार इसी क्रम में और भी मिठाईयों के निर्यात को बढ़ावा देने का विचार कर रही है.

इन देशों में जाएगी पहली खेप

विदेशों में इस मिठाई की कीमत कितनी होगी, इस बारे में अभी निर्णय नहीं लिया गया है. लेकिन जानकारी के मुताबिक एक खेप लगभग 45,000 रुपए की बिकेगी. योजना के मुताबिक पहली खेप इटली और कनाडा के बाजारों में पहुंचाई जाएगी.  

English Summary: Joynager moa being exported to abroad first time in its history
Published on: 23 January 2021, 12:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now