Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 26 February, 2019 5:15 PM IST

मछलियां प्रोटीन का सबसे बड़ा स्त्रोत होती है. मछलियों में फास्फेरस और कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है जो दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने में काफी मदद करता है. जो भी मछलियां उत्पाद के रूप में होती है उनका सारा खाना मनुष्य के खाने में इस्तेमाल नहीं होता है. अगर आकड़ों की बात करें तो भारत दुनिया में मछली उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है.

हरियाणा में उत्पादन

रोहतक सीआईएफई से आए डॉ. पकंज कुमार ने कहा कि केंद्रीय मत्स्य संस्थान, मुंबई के अनुसंधानों द्वारा बैनामी झींगा पालन को विकसित करने का कार्य किया है. यह चीज किसानों के लिए एक तरह से वरदान साबित हुई है. इस तरह की तकनीक का प्रयोग करते हुए हरियाणा में लगभग 900 से 1000 एकड़, पंजाब क्षेत्र में 300 एकड़ और राजस्थान में लगभग 30 एकड़ भूमि में झींगा पालन के कार्य को किया जा रहा है.

नीली क्रांति से बढ़ रहा है मछलीपालन

देश में सरकार द्वारा चलाई जा रही नीलीक्रांति का बहुत बड़ा योगदान है. देश इस योजना के सहारे मत्स्य उत्पादन में काफी ज्यादा मजबूत होता जा रहा है. देश की जीडीपी में 1.1 प्रतिशत औऐर कुल जीडीपी में 5.5 प्रतिशत का योगदान है. यहां पर जो सेमिनार आयोजित किए गए हैं वहां पर आधुनिक तकनीकों के बारे में पूरी जानकारी भी दी गई है. किसानों को मछली उत्पादन पर अच्छा व सराहनीय कार्य करने पर 21 हजार रूपये की राशि भी प्रदान की गई है. इस दौरान भारी संख्या में किसानों की मौजूदगी रही है. इस दौरान हरियाणा समेत कईं और राज्य के किसान भी मौजूद रहे हैं.

निकाले गए कूपन

सीआईएफई रोहतक में हैप्पी सीडर के लिए वहां भाग्यशाली विजेताओं के लिए कुल 18 कूपन भी निकाले गए है. जैतपुर गांव के किसान को इस कूपन का पहला ईनाम दिया. इसके साथ ही लबड़े ट्रैक्टर के लिए खुबडू गांव के किसान परंमानंद ने कूपन के इनाम को जीता. इसके अल्वा कईं और कृषि कार्यों के लिए इनाम दिए गए है. जबकि मुख्य समारोह में झज्जर के कुलदीप और चरखी दादरी के प्रवीण को एक-एक लाख रूपये की राशि देकर मत्स्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.

English Summary: India is fast growing in the production of fish
Published on: 26 February 2019, 05:20 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now