Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 29 May, 2019 12:17 PM IST

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने शाही लीची समेत अन्य कृषि उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने और किसानों की आय को दुगनी करने की दिशा में पहल को शुरू कर दिया है. इसके लिए मुजफ्फरनगर समेत देश के अन्य जिलों में एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर को खोलने का कार्य शुरू किया जाएगा. इस सेंटर में किसानों के उत्पाद से जुड़ी सारी व्यवसथाएं होंगी. इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने देशभर के किसान संगठनों की बैठक को बुलाया है. यहां 7 जून को गुरूग्राम स्थित राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के सभागार में आयोजित होने वाली बैठक में विभिन्न संगठन के अध्यक्षों से तेजी से सुझाव भी मांगा गया है. कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव दिनेश कुमार ने देश के कृषि से जुड़े उन सभी अध्यक्षों को अपना पत्र लिखकर सुझाव बैठक पूर्व भेजने का अनुरोध किया है।

कलस्टर प्रोग्राम किया तैयार

दरअसल केंद्रीय कृषि मंत्रालय उत्पादों को उचित मूल्य  दिलाने के लिए एक कल्सटर प्रोग्राम तैयार किया है. इसके तहत कलस्टर विकास का उद्देशय व समग्र विकास है, इसके तहत विपणन, निर्यात संवर्धन, कौशल उन्नयन, बुनियादी ढांचा आदि को विकसित करना प्रमुख उद्देश्य है. मंत्रालय ने  औद्योगिक संपदाओं के साथ-साथ प्राकृतिक समूहों को भी कवर करने के लिए डिजाइन को तैयार करने का कार्य किया गया है. बागवानी व्यवसाय कल्स्टर और आपूर्ति श्रृखंला विकास नामक इस तरह की योजना में मंत्रालय ने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम को तैयार किया है.

कृषि उपकरणों की बैंक की मांग

बिहार के मुजफ्फरपुर की लीची पूरी ही दुनिया में मशहूर है. लेकिन बाजार नहीं होने के चलते प्रसंस्करण की पूरी सुविधा नहीं होने और परिवहन के लिए रेलवे का सहयोग नहीं होना व्यापार को चौपट कर रहा है. उन्होंने कृषि मंत्रालय को भेजे सुझाव में कृषि उत्पादों से संबंधित उपकरण  का बैंक बनाने की बात कही है, जहां से किसान अपनी जरूरत के अनुसार इन उपकरणों को किराये पर लेकर काम करेंगे।

English Summary: Cluster to be made soon for Bihar's litchi
Published on: 29 May 2019, 12:20 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now