चीन में भारतीय लाल मिर्च काफी ज्यादा पसंद की जा रही है. पिछले कछ दिनों से ट्रेड व्यापार समेत अन्य मुद्दों को लेकर भारत और चीन के बीच में तनावपूर्ण संबंध है लेकिन फिर भी इसी बीच भारत और किसान कारोबारियों के लिए बेहद ही अच्छी खबर आई है. चीन में भारतीय लाल मिर्च का काफी ज्यादा आयात किया जा रहा है. इसीलिए कारोबारियों ने यह आशंका जताई है कि भारत में लाल मिर्च की कीमतों में बढोतरी हो सकती है. यदि ऐसा होता है तो किसानों और कारोबारियों को इससे काफी ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है.
भारतीय मिर्च इसीलिए ले रहा चीन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 2018 के अंत में लाल मिर्च की फसल की खराब पैदावर हुई थी. इसी कारण चीन ने भारत से लाल मिर्च की खरीददारी बढ़ा दी है. रिपोर्ट की मानें तो इस साल मिर्च के बाद चीन की ओर से भारत की लाल मिर्च की खरीददारी में तेजी दर्ज की गई है. खास बात यह है कि चीन भारत की प्रीमियम वैरायटी की लाल मिर्च की खरीददारी कर रहा है. चीन की ओर से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पैदा होने वाली लाल मिर्च की ज्यादा खरीददारी कर रहा है. चीन से खरीदी जाने वाली लाल मिर्च में 60 फीसद हिस्सेदारी इन दोनों राज्यों की है. रिपोर्ट के मुताबिक इस समय भारत की प्रमीमियम वैरायटी तेजा लाल मिर्च 95 से 120 रूपये किलो तक हो रही है. निर्यातकों का कहना है कि अच्छी गुणवत्ता वाली लाल मिर्च पहले ही कोल्ड स्टोर में जा चुकी है. ऐसे में गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद मई के अंत में बाजार खुलेंगे तो लाल मिर्च के दामों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है. फिलहाल बाजार में कम गुणवत्ता वाली लाल मिर्च दिखाई पड़ रही है.
मिर्च के कारोबार की बातें
दरअसल इस समय लाल मिर्च की प्रमीयिम वैरायटी तेजा की कुल कीमत 95 से 120 रूपए प्रति किलो चल लरही है. दरअसल वर्ष 2017-18 में भारत से चीन को लाल मिर्च के निर्यात में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई थी, तब भारत से 9, 373 टन मिर्च को निर्यात किया गया था. हालांकि मध्य प्रदेश में उत्पादन सामान्य ही रहा है, निर्यातक भारतीय मिर्च पर अमेरिका की ओर से इंपोर्ट डयूटी को लगाने की घोषणा कर रहे है. भारत से मिर्च के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 7 प्रतिशत की है.