RFOI Award 2025: UP के सफल किसान मनोहर सिंह चौहान को मिला RFOI अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI - First Runner-Up: सफल किसान लेखराम यादव को MFOI Awards 2025 में मिला RFOI-फर्स्ट रनर-अप अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित पराली प्रबंधन का नया मॉडल: पंजाब और हरियाणा के किसान बदल रहे तस्वीर Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 5 January, 2019 5:28 PM IST

चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान चावल से जुड़े क्षेत्रों के लिए अच्छी खबर नहीं है। दरअसल पहले 8 महीनों के दौरान अप्रैल से नबंवर के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 5.25 फीसदी की गिरावट आकर 24.90 लाख टन का ही निर्यात हुआ है। पिछले माह से डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रूपए से बासमती चावल के निर्यात सौदे काफी कम हो रहे है इसीलिए ऐसा माना जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष में कुल निर्यात पिछले वर्ष के मुकाबले 40.51 लाख टन कम रहने की आशंका है।

मूल्य के हिसाब से बढ़ा निर्यात

एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों के दौरान बासमती चावल का निर्यात घटकर 24.90 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वर्ष की वित्तीय समान अवधि में 26.28 लाख टन का निर्यात हुआ था। मूल्य के हिसाब से जरूर चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में निर्यात बढ़कर 18, 440 करोड़ रूपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में 16,871 करोड़ रूपये का ही निर्यात हुआ था।

गैर- बासमती चावल के निर्यात में कमी

गैर-बासमती चावल में निर्यात चालू वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल से नबंवर के दौरान 13.96 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 49.21 लाख टन का ही हुआ है। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 57.20 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष में गैर बासमती चावल का निर्यात 13,722 करोड़ रूपये का ही हुआ है जबकि पिछले वर्ष 2017-18 के दौरान इसी समान अवधि में इसका निर्यात 15,125 करोड़ रूपये का हुआ था।

निर्यात में कमी की आशंका

निर्यातक फर्म केआरबीएल लमिटेड के डायरेक्टर श्री मित्तल ने बताया कि दिसंबर में रुपया डॉलर के मुकाबले करीब 6 फीसदी मजबूत हुआ है जिस कारण देश में निर्यात सौदे में काफी ज्यादा कमी आई है। उन्होंने कहा कि आगे बासमती चावल के निर्यात सौदों में तेजी तो आएगी ही लेकिन कुल निर्यात पिछले वर्ष 2017-18 के 40.51 लाख टन से 2 से 3 लाख टन कम होने की आशंका है। विश्व बाजार में बासमती चावल पूसा 1,121 सेला का भाव 1100 से 1125 डॉलर प्रति टन है। चालू सीजन में बासमती धान का उत्पादन भी 12 से 15 फीसदी कम होने का अनुमान है। अभी यह निर्यात इसी तरह से बने रहने की उम्मीद है।

English Summary: Bad news for Indian rice market
Published on: 05 January 2019, 05:32 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now