इनदिनों हरी सब्जियों की कीमतों में आग लगी हुई है. बारिश से सब्जियों की फसल को नुकसान होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. बाज़ारों में आलू 20 रूपये किलो बिक रही है. कद्दू और कोहड़ा को छोड़कर अन्य सभी हरी सब्जियां 40 रूपये किलो बिक रही है. ऐसे में लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि लोग आखिर क्या खायें. कई घरों में तो केवल आलू और चने की सब्जी को खाकर काम चलाया जा रहा है.
आसमान छू रही सब्जियां
अगर हम खुदरा बाजार की बात करें तो प्याज की कीमत बिल्कुल भी कम नहीं है. प्याज की कीमते इन दिनों आसमान छू रही है. साथ ही प्याज के अलावा भिंडी और बींस भी हाफ सेंचुरी मार रही है. अगर हम सब्जियों के थोक मूल्य की बात करें तो प्याज 32 से 35 रूपये प्रति किलो, फूलगोभी 40 रूपये प्रतिकिलो, भिंडी 35 रूपये और बींस 45 रूपये प्रति किलो मिल रहे है. वही परवल, बैंगन, शिमला मिर्च 80 रूपये किलो मिल रहा है, इसी प्रकार पालक साग, पत्ता गोभी, मूली, कुंदरी, खीरा बाजार में 30 रूपये किलो मिल रहे है.
छत्तीसगढ़ से हो रही आवक
वर्तमान में छत्तीसगढ़ से शिमला मिर्च, बंगाल, रायपुर और झारखंड से कद्दू, बिहार और बंगाल से भिंडी, बिहार और बंगाल से भिंडी, बिहार से फूलगोभी, बाजार से बींस, बंगाल और छत्तीसगढ़ से करेला, बंगाल से परवल, औल और पत्तागोभी की आवक हो रही है.
बाढ़ से प्रभावित हुई फसलें
बार-बार बारिश के होने से तैयार फसल और खेत में लगी नई फसलों को नुकसान हुआ है. फूलगोभी, पत्तागोभी, पालक, धनिया पत्ता, बैंगन, टमाटर को नुकसान हुआ है. वहीं सब्जियों के थोक विक्रेता अरमान का कहना है कि सामान्य सब्जियों की आवक काफी कम हुई है. जबकि पड़ोसी राज्य बिहार में बाढ़ के आ जाने से सब्जियों के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ा है. कई सब्जियां बंगाल और छत्तीसगढ़ से आ रही है. इस कारण भी कीमतों में काफी इजाफा हुआ है.