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रामकरन तिवारी ने आलू की सफल खेती कर पेश की मिसाल, यूपी एग्रो टेक-2024 में मिला ‘इनोवेटिव फार्मर अवार्ड्स’

प्रगतिशील किसान रामकरन तिवारी को कृषि क्षेत्र में नवोन्मेषी कार्य करने के लिये इनोवेटिव फार्मर अवार्ड्स से सम्मानित किया गया. इस दौरान किसान रामकरन को 11000 रुपये की धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया.

लोकेश निरवाल
यूपी एग्रो टेक-2024 में प्रगतिशील किसान रामकरन तिवारी को मिला  ‘इनोवेटिव फार्मर अवार्ड्स’
यूपी एग्रो टेक-2024 में प्रगतिशील किसान रामकरन तिवारी को मिला ‘इनोवेटिव फार्मर अवार्ड्स’

भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद द्वारा यू.पी. एग्रो टेक- 2024 का आयोजन भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लावनार में दिनांक 1 से 3 मार्च, 2024 को किया गया. वही, 3 मार्च 2024 को यूपी के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के द्वारा प्रगतिशील किसान रामकरन तिवारी को कृषि क्षेत्र में नवोन्मेषी कार्य करने के लिये इनोवेटिव फार्मर अवार्ड्स से सम्मानित किया गया. इस दौरान प्रगतिशील किसान रामकरन तिवारी को 11000 रुपये की धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. मालूम हो कि रामकरन तिवारी को राज्य स्तर पर अभीतक ऐसे कई अवार्ड मिल चुके हैं.

वही, रामकरन तिवारी, ग्राम नावली, पोस्ट चितभवन वि0ख0 बसरेहर, जनपद, इटावा, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. यह पिछले कई सालों से समृद्धि स्वयं सहायता समूह बनाकर समस्त किसानों द्वारा समय पर्व सब्जियों का उत्पादन एवं आलू बीज उत्पादन कराकर उनकी आय में वृद्धि कर रहे हैं. रामकरन तिवारी साल 2015 से हर साल अपने 30 एकड़ खेत में 3,500 से 4,000 क्विंटल आलू का उत्पादन कर रहे हैं. इनके पास अपना खुद का ब्रांड है जिसका नाम Shivam Seeds Farm है. रामकरन तिवारी अपने फार्म से आलू की दस से अधिक किस्मों का उत्पादन करते हैं,  जिसमें कुफरी लिमा, कुफरी संगम, कुफरी बहार, कुफरी ख्याति, कुफरी सुख्याति, कुफरी नीलकंठ आदि शामिल हैं.

प्रगतिशील किसान रामकरन तिवारी ने सीपीआरआई (केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान), शिमला में प्रशिक्षण लिया है, जिसकी सिफारिश उत्तर प्रदेश, कृषि विभाग ने की थी. वहां उन्होंने सीड प्लॉट टेक्निक सीखी, जिसे उन्होंने 2015 से व्यावहारिक रूप से लागू किया. उन्होंने शुरू में एक छोटे टिशू कल्चर लैब का निर्माण किया और अब आईसीएआर के सुझाव पर आलू का उत्पादन करते हैं. रामकरन टिशू कल्चर विधि से रोग रहित आलू बीज का उत्पादन एवं बिक्री कर लाभ प्राप्त कर रहे हैं.

वहीं, अगर हम उनकी फसलों की मंडीकरण की बात करें, तो उन्हें आलू बेचने के लिए मंडी जाने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है. वह सिर्फ सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी उपज की जानकारी किसानों तक पहुंचा दे देते हैं जिसके बाद ग्राहक खुद उनके खेतों से आलू खरीद कर ले जाते हैं. वर्तमान समय में किसान रामकरन आलू उपज को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों की मंडी में निर्यात किया जा रहा है. वह हर साल Shivam Seeds Farm में लगभग 20-25 लाख रुपए का निवेश करते हैं, जिससे उन्हें लगभग 1 करोड़ रुपए का लाभ प्राप्त होता है.

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प्रगतिशील किसान रामकरन तिवारी के बेटे का नाम शिवम है जो कि एक बीटेक इंजीनियर है. शिवम उनकी खेतों के प्रबंधन में सहायता करता है. उन्होंने बताया कि उनका ब्रांड न केवल उनके स्वयं के परिवार, बल्कि ब्रांड से जुड़े अन्य लोगों का भी समर्थन करता है. उन्होंने यह भी कहा कि शुरू में जब वे खेती करते थे तो उन्हें मौसम और सिंचाई की चिंता होती थी, लेकिन अब उनके पास सारे संसाधन उपलब्ध हैं.

English Summary: Ramkaran Tiwari set an example by successfully cultivating potatoes received 'Innovative Farmer Awards' in UP Agro Tech-2024 Published on: 04 March 2024, 03:02 PM IST

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