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कर्जमाफी घोटाला : मृतक किसानों के नाम पर करोड़ो रुपये का भ्रष्टाचार और गबन

कर्ज माफी का मुद्दा इनदिनों सियासी जगत का सबसे ज्वलंत मुद्दा बना हुआ हैं. कर्ज माफी के मुद्दे पर हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापसी की हैं. ख़बरों की मानें तो इस जीत से उत्साहित कांग्रेस ने इस मुद्दे को आगामी लोकसभा के चुनाव में भी एक बड़ा मुद्दा बनाने का मन बना लिया हैं.

विवेक कुमार राय

कर्ज माफी का मुद्दा इनदिनों सियासी जगत का सबसे ज्वलंत मुद्दा बना हुआ हैं. कर्ज माफी के मुद्दे पर हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापसी की हैं. ख़बरों की मानें तो इस जीत से उत्साहित कांग्रेस ने इस मुद्दे को  आगामी लोकसभा के चुनाव में भी एक बड़ा मुद्दा बनाने का मन बना लिया हैं. गौरतलब है कि कर्जमाफी के वायदे से सत्ता में वापसी की कांग्रेस अपने चुनावी वायदे को पूरा करना शुरू कर दी है. लेकिन इस कर्जमाफी में राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार और गबन के मामले सामने आ रहे हैं.

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मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक, मध्यप्रदेश में कमल नाथ सरकार की कर्जमाफी के बाद सतना जिले के दुरेहा सहकारी बैंक में भी करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. कर्जमाफी के अंतर्गत 20 साल पहले मर चुके किसानों के नाम पर जालसाजी कर पैसा उठाया गया है, जबकि 300 से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिन्होंने बैंक से कर्ज लिया ही नहीं और वो कर्जदार हो गए हैं. इस मामले का खुलासा ऋण माफी की सूची जारी होने के बाद हुआ है. अब मध्यप्रदेश के किसान जिला प्रशासन से शिकायत कर मामले की जांच की मांग कर रहे है.

मिली जानकारी के मुताबिक, सतना के दुरेहा सेवा सहकारी बैंक में 3 करोड़ से ज्यादा का गबन उजागर हुआ है. दरअसल, सरकार की किसान ऋण माफी योजना के तहत कर्जदार किसानों की सूची पंचायतों में चस्पा की गई. दुरेहा सोसायटी के तहत कर्जदार किसानों की सूची जब चस्पा की गई तो यहां के किसानों के बीच हड़कंप मच गया. सतना के करीब 1800 किसान कर्जदार है, जिसमें 500 किसानों के नाम पर फर्जी ऋण निकाल कर करोड़ो रुपये के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है.

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गौरतलब है कि बैंकों की ओर से जारी की गई ऋण माफी की सूची में करीब 100 किसान ऐसे हैं, जिनकी कई वर्षों पहले निधन हो चुकी हैं. इसके अलावा 100 से ज्यादा ऐसे किसान है, जिन्होंने इस समिति से कभी कर्ज लिया ही नहीं है, जबकि कुछ ऐसे किसान है जिन्होंने 5000 का कर्ज लिया था और वो 1 लाख के कर्जदार बना दिए गए है. मामला उजागर होने के बाद किसान जिला मुख्यालय पहुंचे और जिला प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराकर पूरे मामले की जांच की मांग की. इस मामले में मध्यप्रदेश की संयुक्त कलेक्टर संस्कृति शर्मा का कहना है कि कर्जमाफी में जो भी भ्रष्टाचार का मामला सामने आ रहा है उसकी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.

English Summary: Corruption of million rupees in the name of debt waiver Published on: 28 January 2019, 03:38 PM IST

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